मोहनियां के वार्ड 11 में नारकीय जीवन जीने को विवश हैं लोग
नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद भी मोहनियां के बरकत नगर में विकास की बरकत नहीं ।
कैमूर। नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद भी मोहनियां के बरकत नगर में विकास की बरकत नहीं है। मुस्लिम बहुल इस वार्ड में समस्याओं का अंबार है। जल जमाव के कारण लोग नारकीय जीवन जीने को विवश है। जीटी रोड के बगल में नाला का पानी जाम होने के कारण उक्त वार्ड के घरों में पानी घुसता है। मोहनियां थाना से पश्चिम स्थित बरकत नगर के आगे और पीछे जलजमाव है। जीटी रोड के उत्तर खुला नाला होने के कारण लोगों को परेशानी होती है। करीब 50 घर ऐसे हैं जिनका दरवाजा जीटी रोड की तरफ खुलता है। जलजमाव और गंदगी से लोगों का घरों में बैठना मुश्किल होता है। गंदगी के कारण वार्ड में महामारी फैलने की आशंका रहती है। नगर पंचायत बनने के बाद भी बरकत नगर वासियों को समस्याओं से निजात नहीं मिली। नगर पंचायत इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठा सका है। गंदगी से दिन में ही मच्छरों की भरमार रहती है। जलजमाव से निकलने वाली दुर्गंध से लोग बेहाल हैं। उक्त वार्ड में लगे सभी सरकारी चापाकल ़खराब है। एकमात्र सरकारी चापाकल चालू है जिससे लोगों की प्यास बुझती है।आज भी इस वार्ड में जलापूर्ति का पानी नहीं पहुंच पहुंच सका है। जिनके घरों में चापाकल नहीं है उनकी प्यास इसी चापाकल से बुझती है। वार्ड के करीब आठ दस लोग ऐसे हैं जिनको आज भी छत मयस्सर नहीं हुई है। अधिकतर घरों में आज भी शौचालय नहीं है। जिसके कारण लोग खुले में शौच करने को विवश हैं। सरकारी तौर पर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन नगर में रहकर बरकत नगर को इस योजना का लाभ नहीं मिलना दीपक तले अंधेरा वाली कहावत को चरितार्थ करता है।
क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी- इस संबंध में पूछे जाने पर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि वार्ड संख्या 11 में जल जमाव की समस्या गंभीर है। इसके समाधान के लिए प्राक्कलन बनाकर विभाग को भेजा गया है। पेयजल की समस्या को देखते हुए कुछ दिन पहले बिगड़े चापाकलों को ठीक कराया गया था। हर घर नल जल योजना के तहत पेयजल की समस्या का निदान किया जायेगा।