गांवों में ओडीएफ अभियान का नहीं दिख रहा असर
शौचालय का उपयोग न कर बाहर शौच कर रहे लोग जागरण संवाददाता भभुआ जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। इस अभियान में सहयोग करने वाले जनप्रतिनिधियों व कर्मियों को प्रशस्ति पत्र भी जिला प्रशासन की तरफ से दिया गया। लेकिन आज ओडीएफ अभियान को
जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। इस अभियान में सहयोग करने वाले जनप्रतिनिधियों व कर्मियों को प्रशस्ति पत्र भी जिला प्रशासन की तरफ से दिया गया। लेकिन आज ओडीएफ अभियान को सफल बनाने में न प्रशस्ति पत्र पाने वाले जनप्रतिनिधि या कर्मी रुचि ले रहे हैं और न ही ग्रामीण। आज गांवों में यह अभियान पूरी तरह फ्लॉप हो रहा है। जिनके घर शौचालय है वे भी उसका उपयोग नहीं कर बाहर ही शौच करने जा रहे हैं। इससे गंदगी का अंबार गांवों की सड़कों पर दिखाई दे रहा है। जिला या प्रखंड मुख्यालय से दूर स्थित गांवों की बात तो दूर पास के गांवों में यह अभियान सफल नहीं हो पा रहा। यह एक विचारण प्रश्न है। क्योंकि जिला या प्रखंड मुख्यालय में लगभग सभी पदाधिकारी रहते हैं। जनप्रतिनिधियों का भी रोज का आना जाना होता है। पदाधिकारी भी योजनाओं का निरीक्षण आदि करने गांवों में पहुंचते हैं। लेकिन वे गंदगी देख कर भी मौन है। इससे ग्रामीण भी यह सोच चुके हैं कि अब कुछ नहीं होने वाला। बाहर गंदगी करने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा और न कोई कार्रवाई होगी। इससे ग्रामीण बिना डर भय के बाहर शौच करने जा रहे हैं। कुछ गांवों में तो बने शौचालयों का उपयोग भूसा व उपला रखने के लिए किया जा रहा है। वहीं अब भी कई गांवों में बने शौचालयों में न शेड लगा है और न ही पानी की व्यवस्था हो सकी है। इससे उसका उपयोग ग्रामीण सामान रखने के लिए ही कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व जिला प्रशासन द्वारा बाहर शौच करने वालों के ऊपर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन यह निर्णय भी कुछ ज्यादा असर नहीं कर सका। इसके चलते गांवों में जाने वाली सड़कों पर गंदगी का अंबार बढ़ता ही जा रहा है। यदि प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दिया तो वह दिन दूर नहीं जब ग्रामीण इस ओडीएफ अभियान को ही भूल जाएंगे।