रामगढ़ की नेहा नेशनल मैराथन में लगाएगी दौड़
अगर दिल में कुछ करने का जज्बा मन में पाल लिया जाए तो मुश्किल भी राहें आसान हो जाती है। कुछ ऐसी ही मिसाल रामगढ़ की नेहा कुमारी ने कायम किया है।
अगर दिल में कुछ करने का जज्बा मन में पाल लिया जाए तो मुश्किल भी राहें आसान हो जाती है। कुछ ऐसी ही मिसाल रामगढ़ की नेहा कुमारी ने कायम किया है। ग्रामीण स्तर पर खेलकूद में हिस्सा लेकर आज नेशनल एलटेल मैराथन के लिए चयनित हुई है। दिल्ली में 20 अक्टूबर को आयोजित एलटेल मैराथन में 25 किलोमीटर का रेस जब लगाएगी तो इस खिलाड़ी को लोग टीबी पर देखेंगे। महिला खिलाड़ी होते हुए नेहा ने अबतक कई स्पर्धाओं में प्रथम स्थान प्राप्त कर 12 गोल्ड मेडल सहित चार सिल्वर अपनी झोली में डाले हैं। इससे कैमूर का नाम बिहार में रोशन हुआ है।
बिना प्रशिक्षक के नेहा ने जिला से लेकर स्टेट स्तर की एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीतकर अपना दम दिखा दी है। इसके अलावा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय स्तरीय प्रतियोगिता में 15 सौ मीटर में दो बार गोल्ड मेडल जीती है। पिछले साल यूपी के गाजीपुर में हुए सछ्वावना मैराथन में भी कैमूर की नेहा ने सबको पछाड़ते हुए गोल्ड मेडल झटक ली थी। ग्राम भारती कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर एथलेटिक्स की दुनिया में नेहा अब रच बस गई है। इतना सब कीर्तिमान स्थापित होने के बाद भी यह महिला खिलाड़ी सरकार की सुविधाओं से वंचित है। बता दें कि रामगढ़ थाना के सदुल्लहपुर गांव निवासी सूर्यदेव तिवारी की पुत्री नेहा को बचपन से ही खेल से नाता रहा है। वे कहती हैं कि गरीबी के चलते आगे की पढ़ाई नहीं कर सकी। सरकार द्वारा कोई सुविधा व सहायता अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। खेल प्रशिक्षक जमुना सिंह राठौर की माने तो यह महिला खिलाड़ी कई इवेंट में पुरुषों को भी पछाड़ी है। अगर ऐसी प्रतिभाओं को सरकारी स्तर पर सुविधा मुहैया हो जाए तो नेशनल महिला खिलाड़ी का रिकॉर्ड टूट सकता है।