भ्रष्टाचार से नारकीय हुआ कुदरावासियों का जीवन
कैमूर। कुदरा प्रखंड मुख्यालय और आस पास जलजमाव से लोग परेशान।
कैमूर। विकास योजनाओं में अनियंत्रित भ्रष्टाचार ने कुदरा प्रखंड मुख्यालय और आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीवन नारकीय बना डाला है। पिछले कुछ वर्षो में यहां सड़कें, नाले व नालियां इस कदर घटिया बनी है कि वे परेशानियों का कारण बन गई है। कुदरा , सकरी और लालापुर में ऐसी कोई भी सड़क या गली नहीं है जो गड्ढ़ों से पटी न हो और जल जमाव की शिकार न हो। हर ओर गंदा पानी, कीचड़ व कचरा ही नजर आता है। स्थानीय लोगों की माने तो पिछले कुछ वर्षो में यहां विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। विकास योजनाओं में कार्य स्थल पर न सूचना पट लगाया जाता है न ही एस्टीमेट उपलब्ध कराया जाता है। अभियंता भी नजर नहीं आते। जनता यदि अनियमितताओं की शिकायत प्रखंड के अधिकारियों से करती है तो वे बात अनसुनी कर देते हैं। विकास योजनाओं में अनियमितता का सबसे अधिक कुप्रभाव नालों व नालियों पर पड़ा है। पिछले वर्षो में बनी नालियां बनते ही टूटने - फूटने लगी और गंदे जल की निकासी में पूरी तरह विफल साबित हो रही है। नालियों द्वारा जल निकासी नहीं होने के चलते सड़क पर पानी जमा रहता है। इसके चलते सड़क भी जल्द खराब हो रही है। कुदरा के जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले कुदरा - भभुआ पथ में हाल ही में बनाया गया नाला इसका ज्वलंत उदाहरण है। इसका निर्माण इरकान जैसी प्रतिष्ठित एजेंसी ने कराया है। फिर भी नाले का हाल देखने लायक है। स्थानीय लोग बताते हैं कि चंद माह पूर्व जब यह नाला बन रहा था तो उन्होंने कई बार इसकी शिकायत प्रखंड के अधिकारियों से की। लेकिन कार्य की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ। नालों को ढंका भी नहीं गया। खुला व गुणवत्ता हीन नाला जगह-जगह जाम हो गया व टूट गया। अब नाला इतना अनुपयोगी हो गया है कि उससे पानी निकल नहीं पाता। नतीजतन कई जगहों पर सड़क पर इतना अधिक जल जमाव रहता है कि उसमें नाला दिखता भी नहीं। नाला दिख नहीं पाने के कारण कई दो पहिया वाहन चालक इसमें गिर कर चोटिल हो चुके हैं।