विद्यालयों में उपलब्ध रसोई गैस हुआ अनुपयोगी
जिले के सरकारी मध्य विद्यालयों में विभाग की ओर से गैस चुल्हा व सि¨लडर उपलब्ध कराया गया था।
जिले के सरकारी मध्य विद्यालयों में विभाग की ओर से गैस चुल्हा व सि¨लडर उपलब्ध कराया गया था। जिससे विद्यालयों में एमडीएम अच्छे तरह से बन सके। ज्ञात हो की गैस तथा सि¨लडर न होने से लकड़ी व उपला का उपयोग करके विद्यालयों में एमडीएम बनाया जाता था। जहां विद्यालयों में धुआं होने से रसोईयों के साथ साथ छात्र-छात्राओं को भी परेशानी होती थी। इसको लेकर ही विभाग की ओर से सि¨लडर आदि चीजें उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन जांच में ऐसी बात सामने आई की आज भी विद्यालयों में गैस चुल्हा व सि¨लडर होने के बाद भी उपला तथा लकड़ी के माध्यम से एमडीएम बनाया जा रहा है। जिससे विद्यालयों में उपलब्ध गैस सि¨लडर अनुपयोगी बन गए हैं। एमडीएम प्रबंधक विजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया की विद्यालय में एमडीएम गैस चुल्हा के जगह एमडीएम बनाया जा रहा है। ऐसे मामलों की जानकारी विभाग में आ रही है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की ज्यादातर मामले मध्य विद्यालयों में देखा जा रहा है। जबकि कुछ प्राथमिक विद्यालय भी है। प्रबंधक ने जानकारी देते हुए बताया की ऐसे विद्यालयों की जांच की जा रही है। मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। उपला से एमडीएम बनवाने वाले विद्यालय के एचएम पर वेतन रोकने तथा उसके अलावा भी अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।