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जिले में बंद पड़े 1862 हैंडपंपों का कराया जाएगा मरम्मत

कैमूर। जिले के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में तापमान बढ़ने के साथ पेयजल की समस्या उत्पन्न नहीं हो इसके लिए पीएचईडी विभाग बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत कराएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 10:18 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 10:18 PM (IST)
जिले में बंद पड़े 1862 हैंडपंपों का कराया जाएगा मरम्मत

कैमूर। जिले के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में तापमान बढ़ने के साथ पेयजल की समस्या उत्पन्न नहीं हो इसके लिए पीएचईडी विभाग बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत कराएगा। इसके लिए मिस्त्रियों के दल का गठन भी किया गया है, ताकि बंद पड़े चापाकलों के साथ जहां से सूचना मिले वहां दल पहुंच कर बिगड़े चापाकलों की भी मरम्मत करे।

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पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार सुमन ने बताया कि कैमूर जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए चापाकल में से 1862 चापाकल बंद पड़े हैं जिनका सर्वे का कार्य पूर्ण करा लिया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत का कार्य पूर्व से प्रारंभ है। अब तक 550 चापाकल की मरम्मती का कार्य दल कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग के वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर जिले में मरम्मत दल के अलावा अतिरिक्त दल का गठन किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस तरह से 40 दल का गठन किया गया है। जो शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत कर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास करेंगे।

कार्यपालक अभियंता ने यह भी बताया कि प्राप्त दिशा निर्देश के अनुसार हर घर नल जल योजना के कार्यों को भी प्रमुखता के साथ पूर्ण करना है ताकि लोगों को योजना के अंतर्गत शुद्ध पेयजल प्राप्त हो सके। इसके लिए अजजा टोलों में विशेष रुप से कार्य करना है। जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचईडी विभाग द्वारा लगाए गए चापाकल में से 13 हजार 399 चापाकल चालू हालत में है। इससे लोगों को शुद्ध पेयजल मिल रहा है।


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