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निजी अस्पताल में गर्भवती की मौत के मामले में जांच शुरू

निजी अस्पताल में गर्भवती की मौत के मामले में जांच शुरू

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Aug 2022 06:13 PM (IST)Updated: Mon, 22 Aug 2022 06:13 PM (IST)
निजी अस्पताल में गर्भवती की मौत के मामले में जांच शुरू
निजी अस्पताल में गर्भवती की मौत के मामले में जांच शुरू

निजी अस्पताल में गर्भवती की मौत के मामले में जांच शुरू

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भभुआ: सदर अस्पताल से 18 अगस्त की शाम रेफर गर्भवती की 19 अगस्त की सुबह नगर स्थित एक निजी अस्पताल पंचशील हास्पिटल में हुई मौत के मामले में दो सदस्यीय मेडिकल टीम में शामिल एसीएमओ डा. जे.एन. सिंह व डीआईओ डा. आर.के चौधरी ने सोमवार को जांच शुरू की। इस खबर के समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद सिविल सर्जन डा. मीना कुमारी ने संज्ञान में लेते हुए टीम गठित कर जांच करने का निर्देश दिया है। जांच के दौरान टीम अस्पताल पंजीकृत है या नहीं, किस परिस्थिति में गर्भवती की मौत हुई तथा सदर अस्पताल से रेफर किए जाने के बाद किस माध्यम से गर्भवती को उक्त को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया आदि सभी बिंदुओं की जांच कर रही है। इस संबंध में एसीएमओ ने कहा कि घटना से जुड़े सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। जांच पूरी होने पर सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। उल्लेखनीय है कि जिले के चैनपुर के डूमरकोन गांव निवासी विनोद यादव की गर्भवती पत्नी लगभग 30 वर्षीय सुगवंती देवी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल में 18 अगस्त की शाम भर्ती कराया गया। सदर अस्पताल की वरीय चिकित्सक डा. किरन सिंह ने प्राथमिक उपचार के बाद गर्भवती की स्थिति गंभीर देखकर उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया। सूत्रों की माने तो बिचौलिए के माध्यम से उक्त महिला को प्रसव कराने के लिए नगर स्थित निजी अस्पताल पंचशील हास्पिटल में भर्ती कराया गया। 19 अगस्त की सुबह गर्भवती की मौत के बाद स्वजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू करते हुए कर्मियों से हाथापाई भी की। घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष रामानंद मंडल ने एसआई उदय कुमार को पुलिस बल के साथ मौके पर भेजा। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामला शांत कराया। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन व मृतका के स्वजनों के बीच हुई वार्ता के बाद स्वजन शव लेकर घर लौट गए। इससे पोस्टमार्टम नहीं हो सका व थाना में भी कोई शिकायत नही पहुंची थी। लेकिन समाचार पत्रों में खबर छपने के बाद मानव जीवन के साथ खिलवाड़ करने के मामले को मानवीय आधार पर संज्ञान में लेते हुए सीएस ने जांच का निर्देश दिया।


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