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रामगढ़ में अतिक्रमणमुक्त हो गए तालाब, फिर भी इन पर कब्जा

रामगढ़। हाईकोर्ट की फटकार के बाद सरकार द्वारा तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कराने के फरमान के बाद भी तालाबों से अतिक्रमण नहीं हट सका है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 11:41 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 11:41 PM (IST)
रामगढ़ में अतिक्रमणमुक्त हो गए तालाब, फिर भी इन पर कब्जा

रामगढ़। हाईकोर्ट की फटकार के बाद सरकार द्वारा तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कराने के फरमान पर उनके मुलाजिम ही पानी फेर रहे हैं। इस कारण तालाबों के जीर्णोद्धार के बजाय उसका वजूद ही समाप्त हो रहा है। रामगढ़ में तो धरातल के बजाय कागजों में तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया है। जिस डरवन व रामगढ़ के तालाबों को अतिक्रमणवाद व मुक्त होने की बात बताई जा रही है, वे तालाब अतिक्रमण की चपेट में हैं। कुछ तालाबों की स्थिति यह हो गई है कि उसका अस्तित्व ही समाप्त हो गया है।

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सरकारी आंकड़ों के अनुसार 45 तालाबों में 25 को अतिक्रमणमुक्त करा लिया गया है, जबकि 13 पर अतिक्रमणवाद चल रहा है। लेकिन इन तालाबों में कौन-कौन तालाब, पोखर आहर, पईन व गड़ही शामिल हैं, इसकी सही जानकारी अंचलाधिकारी तक को नहीं है और न ही कहां-कहां के कितने तालाब अतिक्रमण मुक्त किए गए और कितने पर अतिक्रमणवाद चल रहा है, इसका भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। वे केवल पूर्व के सीओ का एक पन्ना की सूची, जिसमें केवल तालाबों के अतिक्रमण मुक्त की संख्या है, दिखाकर टाल दे रही हैं, जबकि रामगढ़ में इन्हें पदभार संभाले 20 दिन से अधिक समय हो गया। फिर भी अभी तक तालाबों की संख्या का ठीक से आकलन नहीं हो सका है। पुराने तालाबों को बचाने की कोशिश पूरी तरह से यहां विफल साबित हो रही है। नए सृजित तालाबों की बात कौन करे, जिस डरवन के ऐतिहासिक तालाब पर छह माह से अतिक्रमणवाद चलाने की बात हो रही वहां के ग्रामीणों को इसकी जानकारी तक नहीं। रामगढ़ बाजार में आदर्श बालिका इंटर कालेज से सटे पश्चिम वाला तालाब पूरी तरह घास-पात से पट गया है। डेढ़ एकड़ में स्थापित यह तालाब 20 डिसमिल भी नहीं बचा है। यही है रामगढ़ में तालाबों पर अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई। अंचल कार्यालय सूत्रों के अनुसार पूर्व के सीओ द्वारा आनन फानन में धरातल के बजाय कागज पर अतिक्रमणमुक्त की कार्रवाई हुई है। किसी तालाब पर अतिक्रमण की कार्रवाई का बाउचर नहीं :

तालाबों पर अतिक्रमणवाद चलाने के दौरान तीन बार अतिक्रमणकारियों पर नोटिस होती है। लेकिन यह नोटिस भी दफ्तर तक ही रह गई। तभी तो छह माह बाद भी डरवन का ऐतिहासिक तालाब अतिक्रमण की चपेट से बाहर नहीं निकल सका। किसी तरह की प्रशासनिक कार्रवाई की जानकारी वहां के लोगों को नहीं है। वही स्थिति रामगढ़ के आदर्श बालिका के पास के तालाबों की है। गड़ही को पोखर पर दे दिया बासगीत पर्चा :

मुख्यालय के गोड़सरा सहित अन्य गांवों में प्राकृतिक आपदा से निपटने में सहायक सिद्ध होने वाले लस्त्रोत गड़ही पोखरी पर पैसे के खेल में लोगों को बासगीत पर्चा दे दिया गया। जिसमें कई लोग अपना आशियाना बना लिए हैं। अंचल कार्यालय के प्रधान सहायक चंद्रहास त्रिवेदी गर्ग ने बताया कि हमारे पास कोई इसका रिकार्ड नहीं है। क्या कहती हैं सीओ

अंचलाधिकारी कुमारी अर्चना ने बताया कि कागज के अनुसार तालाबों की संख्या 45 है। कहां और कौन-कौन जलस्रोत अतिक्रमणमुक्त हुए हैं, इस पर वे स्पष्ट जवाब नहीं देकर अगले दिन के लिए टाल दे रही हैं।


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