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बकाया मजदूरी मांगने पर मुंशी ने मारपीट कर किया घायल

प्रखंड के दामोदरपुर गांव के दो दर्जन से अधिक मजदूर बकाया मजदूरी भुगतान की मांग को लेकर गुरुवार को मनरेगा कार्यालय पहुंचे। उनालेगों ने पीओ से तत्काल मजदूरी भुगतान की मांग की। मजदूरों ने बताया कि बीते चार मई से मनरेगा के तहत चल रही दो योजनाओं में काम किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 10:24 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 05:14 AM (IST)
बकाया मजदूरी मांगने पर मुंशी ने मारपीट कर किया घायल
बकाया मजदूरी मांगने पर मुंशी ने मारपीट कर किया घायल

संवाद सूत्र रामपुर: प्रखंड के दामोदरपुर गांव के दो दर्जन से अधिक मजदूर बकाया मजदूरी भुगतान की मांग को लेकर गुरुवार को मनरेगा कार्यालय पहुंचे। उनालेगों ने पीओ से तत्काल मजदूरी भुगतान की मांग की। मजदूरों ने बताया कि बीते चार मई से मनरेगा के तहत चल रही दो योजनाओं में काम किए हैं। लीली गांव के पुल से कुकुढा गांव के ताल तक बाहा खोदाई तो दूसरा ग्राम चन्द्रोदया में पोखरा खोदाई में एक माह से अधिक दिनों तक काम किए। लेकिन अब तक केवल 14 दिन काम करने की मजदूरी की राशि दी गई। इसकी शिकायत हमलोग रोजगार सेवक व मुंशी से करते थे तो जल्द ही भुगतान करने की बात कही जाती। इस बात को लेकर गुरुवार को मुंशी राजेंद्र राम से पुन: मजदूरी देने की बात किए तो मारपीट करने पर उतारू हो गए और अनिल राम को मारकर घायल कर दिए। जिसका पीएचसी में इलाज हुआ। इसके बाद मजदूरी भुगतान की मांग को लेकर पीओ के पास पहुंचे। मजदूरों का आरोप था कि बिना कार्य किए इन योजनाओं की राशि निकाल कर मजूदरों के खाते में भेज दी गई। हमलोग गरीब परिवार के लोग हैं जो प्रतिदिन मजदूरी कर अपना जीविकोपार्जन चलाते हैं। कोरोना महामारी में हमलोगों के पास भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई, लेकिन मनरेगा से काम करने को मिला। उसमें भी अब तक मजदूरी की भुगतान नहीं हो पाया। जब पैसा मांगा जाता है तो मारपीट की जाती है। मनरेगा कार्यालय पहुंचने वालों में वार्ड सदस्य केश्वर पासवान, अनिल राम, सुखदेव पासवान, सुदामा राम, बिगना देबी, संदीप राम, लक्ष्मीना देवी, मालती देवी, मुटुर राम, रचला देवी, भरत राम, देवमुनि देवी, प्रसाद राम, ईश्वरदयाल राम, उर्मिला देवी, सविता देवी, मनोज ,रामसूरत राम आदि शामिल थे।

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इंसेट-

मजदूरों ने मनरेगा में हो रही धांधली को किया उजागर

संसू, रामपुर: गुरुवार को मनरेगा कार्यालय पहुंचे मजदूरों ने की जा रही धांधली को उजागर कर दिया। मजदूरों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो मजदूर उक्त योजना में काम नहीं किए हैं उनके माध्यम से पदाधिकारियों की मिलीभगत से जॉब कार्ड से राशि की निकासी की गई है। बहरहाल जिला स्तरीय पदाधिकारी सरकारी आंकड़ों को सच मानकर काम कर रहे हैं। जबकि हकीकत इसके ठीक उलटा है। तमाम तरह की निगरानी के बाद भी मनरेगा में जमकर धांधली जारी है। मजदूरों ने बताया कि मनरेगा जॉब कार्ड के आधार पर मजदूरों का भुगतान डीबीटी के तहत सीधे उनके बैंक खाता में होता है। अब पंचायत में कई बैंकों का ग्राहक सेवा केंद्र (सीएसपी) खुल गया है। सीएसपी वाले लैपटॉप लेकर गांव चले जाते हैं। वहां बिचौलियों के माध्यम से संबंधित मजदूरों को बुला कर अंगूठा लगवा लिया जाता है। इसके बाद राशि की निकासी कर ली जाती है। इसके एवज में मजदूरों को प्रति जॉब कार्ड दो सौ से तीन सौ रुपये थमा दिया जाता है। मनरेगा के तहत मजदूर को पूर्व में 173 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मजदूरी मिलती थी जो अब बढ़कर 202 रुपये प्रतिदिन हो गई है। इसका भुगतान साप्ताहिक होता है। इस संबंध में मनरेगा पीओ मोहम्मद तालुत अंसारी ने बताया कि यह जांच का विषय है। जल्द ही जांच कर मजदूरों का बकाया राशि भुगतान कराया जाएगा और दोषियों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में डीडीसी कुमार गौरव ने कहा कि इस मामले की जानकारी मुझे नहीं है। लेकिन यदि मामला प्रखंड के मनरेगा कार्यालय में पहुंचा है तो वहां से जानकारी लेकर इस मामले की जांच कराई जाएगी। यदि मजदूरी बकाया होगी तो इसका कारण पूछा जाएगा और मजदूरों को भुगतान कराया जाएगा।


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