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13 दिनों के बाद भी नहीं शुरू हो सकी गेहूं की खरीदारी

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से बीते पांच मार्च को एक पत्र जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि एक अप्रैल से जिले के बिस्कोमान भवन व व्यापार मंडल में गेहूं की खरीदारी होगी लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 09:31 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 06:27 AM (IST)
13 दिनों के बाद भी नहीं शुरू हो सकी गेहूं की खरीदारी
13 दिनों के बाद भी नहीं शुरू हो सकी गेहूं की खरीदारी

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से बीते पांच मार्च को एक पत्र जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि एक अप्रैल से जिले के बिस्कोमान भवन व व्यापार मंडल में गेहूं की खरीदारी होगी, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अप्रैल माह में 13 दिन बीत चुके है, लेकिन न तो व्यापार मंडल और न ही बिस्कोमान भवन में खरीदारी शुरू हुई है और न ही पैक्सों में खरीदारी हो रही है। पत्र के आलोक में गेहूं का समर्थन मूल्य 1840 रुपये रखा गया था। जिसमें यह कहा गया था की शायद यही समर्थन मूल्य पर किसानों के गेहूं खरीदे जाएंगे। किसान अपने गेहूं को औने-पौने दाम में बेच रहे है, लेकिन सरकारी खरीदारी अब तक शुरू नहीं हुई। इसका फायदा बिचौलिए जम कर उठा रहे हैं। बिचौलिए किसानों से 1650 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद कर ऊंचे दाम दूसरे जिला के बाजारों में बेच रहे है। ज्यादातर गेहूं पास के नगर वाराणसी व रोहतास जिला के चेनारी बाजार में बेचा जा रहा है।

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