अतिक्रमण के कारण महरो का तालब लड़ रहा अस्तित्व बचाने की लड़ाई
स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के महरो गांव में करीब सौ साल पुराना तालाब अतिक्रमण के चलते अपना अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है।
स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के महरो गांव में करीब सौ साल पुराना तालाब अतिक्रमण के चलते अपना अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। तलाब का अस्तित्व समाप्त करने में गांव के ही कई लोग लगे हुए हैं। अपने निजी स्वार्थ व लाभ के चलते तालाब पर अतिक्रमण कर लिए हैं। जिससे तालाब का क्षेत्रफल सिमट रहा है। विभाग द्वारा बताया गया कि लगभग 1.46 एकड़ क्षेत्रफल का तालाब वर्तमान समय में सिमट कर केवल एक बीघा में हो गया है। यह सभी प्रशासन की लापरवाही के कारण हो रहा है।
अतिक्रमण के कारण तेज गति से अगर बारिश होती है तो गांव में पानी का निकासी पूर्ण रूप से बंद हो जाता है। लेकिन उसका कुछ हिस्सा तालाब में जाता है। तालाब के किनारे चारों तरफ लोगों द्वारा मकान या पशु को रखने के लिए शेड बना दिया गया है। जिसके चलते बारिश का पानी तालाब में काम ही जा पाता है। गांव के कुछ वृद्ध लोगों ने बताया की जब हम लोग छोटे थे तो पीने के लिए पानी इसी तालाब से लाया जाता था। उस समय तालाब का पानी पूर्ण रूप से साफ रहता था। घर के सभी जरूरी कार्य तालाब के पानी से किए जा रहे थे। आज के समय में उसी तालाब में पानी बदबू दे रहा हैं। जो बेजुबान जानवरों के पीने लायक भी नहीं है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले भविष्य में जल संकट का कारण हम ही लोग होंगे। नुआंव में 518 तालाबों में 11 पर अतिक्रमण नुआंव प्रखंड में कुल 518 तालाब हैं। इसमें 11 तालाब अतिक्रमण की चपेट में हैं। इसमें नौ पर अस्थाई तो दो पर स्थाई अतिक्रमण है। हालांकि पुन: प्रखंड स्तर पर तालाबों की सूची बनाई जा रही है। इसमें अतिक्रमण वाले तालाबों की संख्या निश्चित तौर पर बढ़ने की उम्मीद है। क्या कहते हैं लोग -
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गोपाल यादव:
इस तालाब को विभाग द्वारा अतिक्रमणमुक्त कर दिया जाए तो बहुत अच्छा होगा, क्योंकि यह गांव का एक ही इतना बड़ा तालाब है। इसका अतिक्रमण करना ठीक नहीं है। इसके अतिक्रमण को हटवाने के लिए प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। फोटो नंबर-11 संत विलास सिंह:
इस तालाब की सफाई होनी चाहिए, तभी जानवर, पक्षी स्वच्छ पानी पी सकेंगे। गांव में भी जल स्तर सामान्य रखने में इस तालाब की महत्वपूर्ण भूमिका होती थी। लेकिन अतिक्रमण के कारण बारिश के पानी का संचय नहीं हो पा रहा है। इससे गांव में पेयजल संकट उत्पन्न हो रहा है। क्या कहते हैं सीओ -
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अंचल क्षेत्र में जितने भी तलाब हैं अतिक्रमण या अन्य कारणों के चलते उसका अस्तित्व समाप्त हो रहे हैं उसकी सूची तैयार की जा रही है। सूची तैयार होने के बाद जिले से आदेश मिलने के बाद जांच दल को नियुक्त किया जाएगा और अतिक्रमण मुक्त बनाया जाएगा।
- राज किशोर शर्मा, सीओ,