ईचांव गांव से निकाले गए आठ विषैले सांप
प्रखंड के ईचांव गांव में इन दिनों विषैले सांपों का आंतक है। सांप के आंतक से बचने के लिए ग्रामीणों ने सपेरे को बुलाकर नाग-नागिन को निकलवाया।
प्रखंड के ईचांव गांव में इन दिनों विषैले सांपों का आंतक है। सांप के आंतक से बचने के लिए ग्रामीणों ने सपेरे को बुलाकर नाग-नागिन को निकलवाया। बीते दस अक्टूबर को सांप के काटने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। टुनटुन बिद का एक ही पुत्र था। घर में रात्रि सोते समय सांप के काटने से उसकी मौत हो गई थी। परिवार के सदस्यों ने इलाज कराने की बजाए झाड़-फूंक कराने के चक्कर में फंस गए। जिससे बच्चे की हालत बिगड़ने लगी। झाड़-फूंक से ठीक नहीं होते देख बच्चे को अस्पताल ले गए। लेकिन तबतक देर हो चुकी थी। इलाज शुरू होने के पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। बच्चे की मौत के बाद गांव में नाग देवता का आंतक फैल गया। ग्रामीण रात जागकर बच्चों की देखभाल करते थे। ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से नट बुलाकर सांप को निकालने का निर्णय लिया। रविवार को नट पहुंच कर गांव से सांप निकालना शुरू कर दिया। समाचार लिखे जाने तक गांव में नटों ने आठ नाग निकाल लिया था।