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धुआं रहित वातावरण बनाने का सपना जिले में अधूरा

कैमूर। उज्ज्वला योजना शुरू करने का मुख्य उद्देश्य धुआं रहित वातावरण बनाना था। जिसके तहत जिले में लोग

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 12:03 AM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 12:03 AM (IST)
धुआं रहित वातावरण बनाने का सपना जिले में अधूरा
धुआं रहित वातावरण बनाने का सपना जिले में अधूरा

कैमूर। उज्ज्वला योजना शुरू करने का मुख्य उद्देश्य धुआं रहित वातावरण बनाना था। जिसके तहत जिले में लोगों को निश्शुल्क गैस कनेक्शन दिए गए। जिसका परिणाम रहा कि गांवों के कुछ घरों से सुबह शाम खाना बनाने के समय निकलने वाला धुआं बंद हुआ। लेकिन अभी कई ऐसे घर हैं जिनसे धुआं निकल कर वातावरण को प्रदूषित करता है। ऐसे में जिले में यह योजना पूर्ण रूप से धरातल पर अब तक नहीं उतर सकी है। लोगों के घरों की बात तो दूर अभी जिले के कई सरकारी विद्यालयों में लकड़ियों के सहारे ही एमडीएम बन रहा है। जिले के पहाड़ी प्रखंड अधौरा के अलावा भगवानपुर, चैनपूर, चांद, रामपुर के पहाड़ी क्षेत्रों में धड़ल्ले से लकड़ियों की कटाई सिर्फ घर में खाना बनाने के लिए की जा रही है। जिससे पर्यावरण संरक्षण पर भी खतरा मंडरा रहा है और साथ ही लकड़ियों पर खाना बनने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है। जिले में 83006 को मिला कनेक्शन

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जिले में उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 83006 घरों के परिवारों को निश्शुल्क गैस कनेक्शन दिया गया है। जिसका वितरण जिले में चल रही एक दर्जन एजेंसियों के द्वारा किया गया है। इस योजना के शुरू होने के बाद इस जिले में इस योजना से लोगों को लाभ तो जरूर दिया गया लेकिन इसके उपयोग आदि के बारे में कोई प्रशिक्षण या ट्रे¨नग नहीं दी गई। जिससे ग्रामीण महिलाएं गैस के उपयोग करने में काफी डरती हैं। इसका परिणाम है कि गांव में अभी कई घरों में इस योजना का लाभ लोग नहीं उठा रहें हैं।

352 स्कूलों में लकड़ियों के सहारे बन रहा एमडीएम

जिले में 1203 सरकारी स्कूल हैं। जिनमें 810 स्कूलों में गैस सिलेंडर व चूल्हा उपलब्ध करा दिया गया है। इन स्कूलों में गैस पर एमडीएम बन रहा है। वहीं 41 स्कूलों में एनजीओ के माध्यम से एमडीएम पहुंच रहा है। लेकिन शेष 352 स्कूलों में आज भी लकड़ियों के सहारे ही एमडीएम बन रहा है। इससे स्कूलों में एमडीएम बनाते समय एक तरफ जहां रसोईयों को धुआं निकलने से परेशानी होती है वहीं बच्चों को भी कक्षा में बैठने के दौरान धुआं से परेशान होना पड़ता है। कुछ स्कूलों में खिड़की और दरवाजा तक बंद करने की नौबत आ जाती है। ग्राम स्वराज अभियान का भी लक्ष्य नहीं हो सका पूरा-

प्रधानमंत्री ग्राम स्वराज अभियान के तहत जिले के चयनित 18 गांवों के 4013 परिवारों के बीच निश्शुल्क गैस कनेक्शन बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन बीते पांच मई तक चले इस अभियान के दौरान मात्र 2261 परिवारों को ही कनेक्शन दिया जा सका। अभी भी 1752 परिवारों को कनेक्शन नहीं मिला। ऐसे में ग्राम स्वराज अभियान के तहत चयनित गांवों को धुआं रहित बनाने का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सका। तो अन्य गांवों में उज्ज्वला योजना की क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। क्या कहते हैं पदाधिकारी-

उज्ज्वला योजना के तहत अब तक जिन लोगों को गैस कनेक्शन नहीं मिला है। उनको कागजात आदि सही करा कर लाने को कहा गया है। जिन लोगों का चयन हो गया है उन्हें कनेक्शन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान में भी कुछ लोग कनेक्शन लेने से वंचित रहे गये हैं। उन्हें भी कनेक्शन दिया जाएगा। योजना में दिए गए लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रभाष कुमार झा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी


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