मंदिरों को भी रोशन नहीं कर सकी सांसद योजना की सोलर लाइटें
अटल ज्योति योजना से लगी 113 लाइटों में से आधी लाइटें खराब - चार माह में ही 25.63 लाख की योजना फ्लॉप सांसद निधि से खर्च हुए 6.16 लाख - उठ रहे सिस्टम पर सवाल घालमेल के खेल की आशंका जता रहे ग्रामीण संवाद सूत्र रामगढ़ क्षेत्र के मंदिरों को भी सांसद योजना की सोलर
क्षेत्र के मंदिरों को भी सांसद योजना की सोलर लाइटें जगमग नहीं कर सकी। चार माह में ही इन सोलर लाइटों ने अंधेरे से लड़ने की ताकत खो दी। तब मंदिरों में शाम को उपासना करने जाने के दौरान श्रद्धालुओं को आंखें फाड़ आवाजाही की मजबूरी झेलनी पड़ रही है। बक्सर के सांसद व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की साधना- उपासना से भी सभी लोग परिचित हैं। दूसरी बार वे सांसद बने तो उन्होंने रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के तीनों प्रखंडों में अटल ग्राम ज्योति योजना से क्षेत्र को रौशन करने का काम शुरू किया। रामगढ़ में 53, नुआंव में 45 व शेष दुर्गावती समेत कुल 113 सोलर लाइटें लगी। इसमें सांसद ने 78 मंदिरों के परिसरों का चयन किया। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत नवीन व नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय से यह योजना स्वीकृत है। इइसीएल (एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड) को ज्योति योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी है। जिला योजना कार्यालय ने इसे धरातल पर अंजाम दिया। इस योजना के तहत 22 हजार 687 रुपए की दर से सोलर स्ट्रीट लाइट पर 25 लाख 63 हजार 631 रुपए खर्च हुए। योजना के प्रावधानों के मुताबिक 25 प्रतिशत यानी छह लाख 16 हजार 802 रुपए सांसद निधि से खर्च किए गए। अब जबकि योजना की सोलर लाइटों से प्रकाश नहीं मिल रहा तो ग्रामीण सिस्टम पर सवाल उठा रहे हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता त्रिपुरारी चौबे व पवन गुप्ता ने बताया कि मेरे गांव के मंदिर स्थान पर लगी लाइट कभी प्रकाश नहीं दे सकी। कई गांवों में भ्रमण के दौरान लोग शिकायत कर रहे हैं कि इस योजना से लगी लाइटें खराब हो गई। इसका मतलब है कि योजना में घालमेल हुआ है। बहरहाल चार दिनों की चांदनी के बाद मंदिर परिसरों व गलियों में अमावस का नजारा चर्चा का विषय है।