रोक के बाद दोबारा मुखिया ने शुरू कराया नल जल का कार्य
ग्रामीणों की शिकायत पर बीडीओ ने कार्य रोकने का दिया था निर्देश - मामला खजुरा पंचायत के वार्ड नंबर नौ का संवाद सूत्र दुर्गावती स्थानीय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत खजुरा पंचायत के मुखिया प्रशासन के द्वारा रोक लगाने के बाद भी विवादित भूमि पर कार्य कराना शुरू कर दिए। ज्ञात हो कि खजुरा पंचायत के ग्राम लरमा में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के द्वारा नल
स्थानीय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत खजुरा पंचायत के मुखिया प्रशासन के द्वारा रोक लगाने के बाद भी विवादित भूमि पर कार्य कराना शुरू कर दिए। ज्ञात हो कि खजुरा पंचायत के ग्राम लरमा में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के द्वारा नल जल का कार्य कराया जा रहा है। इसके विरोध में ग्रामीणों ने एक माह पूर्व बीडीओ को आवेदन देकर नल जल के बोरिग कार्य को रोकने की मांग की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि नियमों की अनदेखी कर बोरिग का कार्य विवादित भूमि पर किया गया है। आवेदन मिलने के बाद बीडीओ ने सचिव व मुखिया को कार्य रोकने का निर्देश दिया गया। इसके बाद काम भी रोक दिया गया। लेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी के निर्देश के बाद भी पुन: नल जल का कार्य उस विवादित भूमि पर शुरू कर दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस योजना के तहत लरमा गांव के वार्ड नंबर नौ में वार्ड क्रियान्वयन समिति के द्वारा भी स्थल चयन में घोर लापरवाही बरती गई है। वार्ड में पर्याप्त भूमि रहने के बाद भी विवादित भूमि पर नल जल योजना की बोरिग कराई गई है। जिस पर जलमीनार का निर्माण कराया जाना है। जिसके कारण सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। वार्ड सदस्य व मुखिया द्वारा जानबूझ कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है। बता दें कि उक्त भूमि मौजा -लरमा, खाता-70 , खेसरा-406, रकबा-.38 डिसमिल पर स्वामित्व भभुआ न्यायालय में मामला लंबित है। नियम के मुताबिक स्थल चयन में समिति के सदस्य सर्वसम्मत नहीं होते। जबकि निर्देश है कि स्थल चयन या फिर कार्य की स्वीकृति सभा के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार करना है। इस संबंध में पंचायत के मुखिया सौरभ पासवान का कहना है कि भू-स्वामी के सहमति देने के बाद ही नल जल का कार्य कराया जा रहा है। मुझे यह पता नहीं है कि उक्त भूमि पर विवाद है एवं यह मामला न्यायालय में लंबित है। वहीं बीडीओ प्रशांत कुमार प्रसून का कहना है कि सरकारी राशि का दुरुपयोग किसी भी हाल में नहीं होगा। मेरे द्वारा मामले की जांच की जा रही है। पता कराते हैं। इस संबंध में पूछने पर सीओ अरविद कुमार का कहना है कि मेरे द्वारा नल जल के लिए किसी भूमि पर एनओसी नहीं दिया गया है। मेरे जानकारी में यह मामला नहीं है।