भागवत कथा मानव जीवन के लिए अनुकरणीय :पुंडरीक
संगीतमय कथा सुन श्रद्धालु हुए भावविभोर संवाद सूत्र रामगढ़ प्रखंड मुख्यालय के समीप तिवारी कटरा में आयोजित श्रीमछ्वागवत कथा ज्ञान यज्ञ में श्रद्धालु भक्ति रस से सराबोर हो गए। भागवत भूषण रामानुजाचार्य डा. पुण्डरीक शास्त्री ने भक्तों को कथा का रसपान कराया तथा कहा कि
प्रखंड मुख्यालय के समीप तिवारी कटरा में आयोजित श्रीमछ्वागवत कथा ज्ञान यज्ञ में श्रद्धालु भक्ति रस से सराबोर हो गए। भागवत भूषण रामानुजाचार्य डा. पुण्डरीक शास्त्री ने भक्तों को कथा का रसपान कराया तथा कहा कि भागवत कथा मानव जीवन के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने ज्ञान, परोपकार व वैराग्य के चौखट में प्रेम व अनुराग का ऐसा चित्र खींचा कि भक्त भावविभोर हो गए। उन्होंने कहा कि भवसागर पार उतरने का श्रीमछ्वागवत कथा से सहज व सरल सूत्र कुछ भी नहीं। इस कथा की महिमा दिव्य व परमसुख देने वाली है। उन्होंने भगवान की कृपा पाने के लिए संगीत को सबसे सुगम माध्यम बताया। पुण्डरीक महाराज ने कहा कि प्रेम में नृत्य, गीत व वादन का आनंद सत्य, सुखद व शाश्वत है। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के लीलाओं के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या करते हुए कहा कि भक्ति का हृदय में वास हो जाए तो घर भी सुधर जाता है तथा जीवन का हर घाट भी संवर जाता है। विद्वान कथावाचक ने प्रेम व अनुराग को उच्च कोटि का बताते हुए कहा कि इससे भक्त भगवान के समतुल्य हो जाता है। उन्होंने कहा कि भक्ति वासना रहित है। भक्ति से मानव त्रिविध दोष, दुख व दरिद्रता का नाश हो जाता है। पुण्डरीक महाराज ने कहा कि मानवता का पाठ पढ़ना और साधुवाद का गात्र रचना मानव जीवन का सर्वोत्कृष्ट लक्ष्य होना चाहिए। परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं। गरीबों, असहायों के प्रति हृदय में संवेदना व करुणा का भाव जग जाए तो समझो कि भगवान की कृपा हो गई। कथा के अंत में आरती में भाग लेकर श्रद्धालु पुलकित हो उठे। इस मौके पर आयोजक ओमप्रकाश तिवारी, राकेश तिवारी, दीपक तिवारी, बच्चन तिवारी, त्रिपुरारी चौबे, सत्यप्रकाश तिवारी, डब्बू तिवारी, अरविन्द सिंह, उमाकांत पांडेय, डा. रामेश्वर दूबे, श्रीकांत तिवारी सहित काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।