Move to Jagran APP

निबंधन के पेंच में फंसी फसल सहायता योजना

किसानों को क्षतिग्रस्त फसलों के एवज में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण फसल सहायता योजना तकनीकी पेंच में फंसने के कारण लक्ष्य तक नहीं पहुंच पा रही है। नेटवर्क में गड़बड़ी व सर्वर डाउन होने का दंश किसान झेल रहे है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 10:32 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 10:32 PM (IST)
निबंधन के पेंच में फंसी फसल सहायता योजना

किसानों को क्षतिग्रस्त फसलों के एवज में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण फसल सहायता योजना तकनीकी पेंच में फंसने के कारण लक्ष्य तक नहीं पहुंच पा रही है। नेटवर्क में गड़बड़ी व सर्वर डाउन होने का दंश किसान झेल रहे है। इसके चलते योजना के शुरू होने के दो माह बीत जाने के बाद भी मात्र लगभग दस हजार किसान ही आनलाइन निबंधन करा पाए है। अंगूठा के माध्यम से होने वाले निबंधन की रफ्तार बहुत धीमी है।

loksabha election banner

योजना से लाभ-

इस योजना में निबंधन होने के बाद जांच में 20 फीसदी फसल क्षतिग्रस्त होने पर प्रति किसान प्रति एकड़ तीन हजार व इससे अधिक क्षति होने की स्थिति में चार हजार प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। एक किसान को पांच एकड़ तक का लाभ ही देय होगा।

जिले में किसानों की स्थिति-

कृषि विभाग के आकड़े के अनुसार जिले एक लाख 92 हजार रैयती किसान है। बीते वर्ष 32 हजार किसानों ने धान बिक्री के लिए निबंधन कराया था।

किसान व पैक्स अध्यक्षों का कथन-

सरकार की योजना की तारीफ करते हुए किसानों का कहना है कि निबंधन में एसपीसी व अन्य अभिलेखों की तैयारी में समय लग रहा है। सब पूरा होने पर भी अंगूठा के माध्यम से होने वाले निबंधन में नेटवर्क बाधक बन जा रहा है। पैक्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ददन द्विवेदी का कहना है कि निबंधन की प्रक्रिया सरल करने पर अत्यधिक किसान फसल सहायता योजना का लाभ पा सकेंगे।

क्या कहते है अधिकारी- किसानों के निबंधन के लिए प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों को व्यापक रूप से निर्देश दिया गया है। बिना निबंधन के योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता है। तकनीकी गड़बड़ी को ठीक कराने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने अब तक निबंधन की अंतिम तिथि 15 नवंबर निर्धारित किया है।

रामाश्रय राम, जिला सहकारिता पदाधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.