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बिहार में क्रूरता की हद, मैकेनिक की तेज हथियार से हत्‍या की, फिर तेजाब डाल दिया

बिहार के कैमूर जिले में अपराधियों ने क्रूरता की हद कर दी। पहले मैकेनिक की धारदार हथियार से हत्‍या कर दी फिर शव पर तेजाब डाल दिया। मुश्किल से उसकी पहचान हुई।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 03:33 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 10:08 PM (IST)
बिहार में क्रूरता की हद, मैकेनिक की तेज हथियार से हत्‍या की, फिर तेजाब डाल दिया
बिहार में क्रूरता की हद, मैकेनिक की तेज हथियार से हत्‍या की, फिर तेजाब डाल दिया

कैमूर, जेएनएन। बिहार के कैमूर जिले में अपराधियों ने क्रूरता की हद कर दी। अपराधियों ने चैनपुर पुलिस की नींद उड़ा दी है। अपराधियों ने एक मैकेनिक की पहले धारदार हथियार से हत्‍या कर दी, फिर उसके शव को तेजाब से बुरी तरह जला दिया। पुलिस को शव समेटने में ही काफी मशक्‍कत करनी पड़ी। मुश्किल से उसकी पहचान हो पाई। 

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चैनपुर थाना क्षेत्र के लोहरा गांव के समीप बलियारी खोह के पास शुक्रवार की सुबह उस समय सनसनी फैल गई, जब वीभत्‍स शव बरामद हुआ। जानकारी मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ लग गई। शव इतना क्षत-विक्षत था कि उसे पहचानना मुश्किल हो रहा था। शव पूरी तरह से काला पड़ गया था और उसका आधा हिस्सा जल गया था। बाद में उसकी पहचान शिवमति पासवान के पुत्र बाबू लाल पासवान के रूप में हुई। बाबू लाल आठ दिनों से गायब था तथा वह गैरेज में मैकेनिक का काम करता था।

सूचना पाकर मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। शव देखने से यह लग रहा था कि पहले धारदार हथियार से उसे मारा गया। इसके बाद पूरे शरीर पर तेजाब डाला गया है। शव को कपड़ा में बांध कर पोस्टमार्टम के लिए लाना पड़ा। चैनपुर थाना पहुंचे एसडीपीओ अजय प्रसाद ने परिजनों से बातचीत कर मामले की पूरी जानकारी ली। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया।

मृतक के परिजनों ने बताया कि 11 अप्रैल को बाबू लाल पासवान भभुआ नगर में स्थित अपने गैरेज में काम कर लगभग चार बजे शाम में प्रोफेसर काॅलोनी में स्थित अपने किराए के मकान में गए। वहां से वे अपने समधी के यहां सासाराम जाने के लिए निकले। उनके समधी की तबीयत खराब थी तथा वे पटना में स्थित एक अस्पताल में भर्ती थे। वे घर से निकले, लेकिन उसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला। दूसरे दिन 12 अप्रैल को उनके परिजन जब भभुआ नगर के प्रोफेसर काॅलोनी में स्थित उनके किराए के मकान पर पहुंचे तो ताला बंद था। तब लोग उनके मोबाइल पर फोन लगाने लगे, लेकिन उनका फोन स्वीच आफ बता रहा था।

दो-तीन दिनों तक उनका मोबाइल बंद रहने व नाते-रिश्तेदारों के यहां भी कुछ पता नहीं चलने पर इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई, लेकिन कुछ पता नहीं चला। खरौरा में बाबू लाल पासवान के परिजन आसपास के गांवों में भी इसकी सूचना दिए थे। शुक्रवार की सुबह राहगीरों ने बलियारी खोह के पास शव होने की सूचना दी। तब परिजन मौके पर पहुंचे तो शव की पहचान हुई।


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