कुदरा में दुर्घटनाओं को दावत दे रहा कामचलाऊ नदी पुल
संवाद सूत्र, कुदरा: कुदरा बाजार व रामपुर गांव के बीच सरकार द्वारा दुर्गावती नदी पर पुल
संवाद सूत्र, कुदरा: कुदरा बाजार व रामपुर गांव के बीच सरकार द्वारा दुर्गावती नदी पर पुल नहीं बनाए जाने के चलते दक्षिणी गांवों की हजारों की आबादी कामचलाऊ पुल के सहारे नदी पार करने को विवश है। जिसके चलते उनका जीवन हमेशा खतरे में रहता है। नदी में अधिक पानी छोड़े जाने पर पुल के डूबने का अंदेशा रहता है। उस स्थिति में पुल से होकर गुजर रहे लोग अचानक अपने को पानी की धारा में घिरा हुआ पाते हैं। करीब 2 साल पहले कुदरा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव का निवासी एक ग्रामीण इस कामचलाऊ पुल को पार करने के दौरान ही नदी की धारा में बह कर मर गया था। जगन चौधरी नामक उक्त ग्रामीण पुल से होकर जा रहा था। तभी नदी में पानी अधिक बढ़ने के करण वह पानी की धारा की चपेट में आ गया। इस वर्ष भी पुल से होकर जा रहा एक टेंपो पलट गया था। जिससे उस पर सवार कई लोग जख्मी हो गए थे।
ग्रामीणों ने खुद के चंदे से कराया था कामचलाऊ पुल का निर्माण :
बताते चलें कि जब दशकों से पुल की मांग किए जाने के बावजूद सरकार द्वारा नहीं बनाया गया तो रामपुर के ग्रामीणों ने अपने चंदे व परिश्रम से खुद इस कामचलाऊ पुल का निर्माण कराया। चूंकि इस पुल का निर्माण ह्यूम पाइप के ऊपर ईंट व सीमेंट की ढलाई कर किया गया है, इसलिए इसकी ऊंचाई पर्याप्त नहीं है। पुल की चौड़ाई भी कम है तथा इसके किनारे रे¨लग नहीं है। इसके चलते खासतौर पर बरसात के दिनों में नदी में पानी अधिक होने पर दुर्घटना की आशंका बहुत अधिक बढ़ जाती है। समीप में है बांध जहां रोक कर रखा जाता है नदी का पानी :
यह बता देना मुनासिब होगा कि इस कामचलाऊ पुल से महज एक या डेढ़ किलोमीटर पूरब सकरी गांव के सामने दुर्गावती नदी पर वियर बांध है। जहां नदी के पानी को रोककर दुर्गावती मुख्य नहर में छोड़ा जाता है। जब बांध पर पानी का दबाव अधिक हो जाता है तो उसे नदी में बहने के लिए छोड़ दिया जाता है। वैसी स्थिति में कामचलाऊ पुल अचानक नदी के जल में डूबने लगता है। जिसके चलते पुल से होकर गुजर रहे लोगों का जीवन भी संकट में आ जाता है। तीन प्रखंडों के ग्रामीणों को होती है परेशानी :
कुदरा बाजार व रामपुर गांव के बीच दुर्गावती नदी पर कायदे का पुल नहीं होने के चलते कुदरा, भभुआ व रामपुर प्रखंडों के करीब 50 से अधिक गांवों के ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। भभुआ प्रखंड के परशुरामपुर गांव के निवासी प्रेम नारायण तिवारी बताते हैं कि रामपुर, कदई, मेउड़ा, बड़का रामडीहरा, छोटका रामडीहरा, सहजपुरा, चौखड़ा, पंवरा, गोरा, गोखुलपुर, धनाढ़ी, सिसवार, भटौली, परशुरामपुर, लीलापुर, पोखरा, ठकुरहट, लोहंदी, मोहन डड़वां, दुबौली, सिसवार, थिलोईं, अकोढ़ी, भीतरी बांध आदि जैसे दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को ट्रेन पकड़ने या बाजार करने के लिए कुदरा आना होता है। अन्य दिनों कामचलाऊ पुल के जरिए पैदल या दो पहिया या हल्की चार पहिया गाड़ियों का आवागमन किसी तरह से हो जाता है। लेकिन बरसात के दिनों में यह काफी खतरनाक साबित होता है।