भक्ति का सुगम मार्ग है भागवत कथा: पुंडरीक
संवाद सूत्र रामगढ़: प्रखंड क्षेत्र के डरवन गांव स्थित राम जानकी मंदिर परिसर में भागवत कथा सुन कर श्
संवाद सूत्र रामगढ़: प्रखंड क्षेत्र के डरवन गांव स्थित राम जानकी मंदिर परिसर में भागवत कथा सुन कर श्रद्धालु भाव विभोर हो रहें हैं।सात दिवसीय श्रीमछ्वागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन डॉ. पुंडरीक शास्त्री ने भागवत कथा सुनाते हुए कहा कि यह कथा ज्ञान वैराग्य व भक्ति का सुगम मार्ग है। जिसके श्रवण मात्र से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा वाचक भागवत भूषण ने कहा संपूर्ण विद्या का सार है भागवत कथा। भागवत कथा जीवन जीने की कला है। भागवत कोई इतिहास नहीं है। भागवत जीवित जागृत होते हुए भगवान का स्वरूप है। श्रीमछ्वागवत में महात्मा की चर्चा करते हुए भगवान के दिव्य परिचय एवं मंगलाचरण की चर्चा हुई। परिचय का सिद्धांत मैक्समूलर के अनुसार किसी भी प्राणी का परिचय चार प्रकार से होता है। ना इसके लिए स्वरूप गुण कार्य तथा नाम इस प्रकार से भगवान का परिचय महात्मा के माध्यम से शुद्ध और शौनक के संवाद के द्वारा पद्म पुराण की कथाओं के माध्यम से भागवत जी की दिव्य प्रशंसा हुई एवं भागवत जी के मूल प्रभाव कथा भागवत की जीवन में उपादेयता का विस्तारपूर्वक वर्णन महाराज से शौनक जी ने प्रश्न किया और निवेदन किया प्रभु आखिर कराल कलिकाल में जीव का कल्याण कैसे होगा। संसार के प्राणियों के परम कल्याण का मार्ग अगर कोई है तो वह है भागवत कथा। इस ²ष्टांत के अनुसार भक्ति ज्ञान वैराग्य की कथा गोकर्ण धुंधकारी का चरित्र एवं शरद कुमार द्वारा भागवत की विधि का विस्तार पूर्वक किया गया। 1008 श्री श्री शेष नरायण दास जी महाराज एवं यज्ञाचार्य भारद्वाज शास्त्री के द्वारा भागवत कथा सुनाई गई। इस दौरान डरवन गांव सहित क्षेत्र के कई गांव के ग्रामीण उपस्थित थे।