बर्ड फ्लू को लेकर पशुपालन विभाग सतर्क
बिहार के कई जिलों में बर्ड फ्लू का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है। इसको लेकर जिले में पशु पालन विभाग भी सतर्क है।
बिहार के कई जिलों में बर्ड फ्लू का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है। इसको लेकर जिले में पशु पालन विभाग भी सतर्क है। डीएम के निर्देश पर जिला पशुपालन विभाग की ओर से टीम भी गठित की जा चुकी है। जो सैंपल लेकर विभाग को भेज दिया है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अभी बर्ड फ्लू का लक्षण नहीं दिखाई दिया है। लेकिन विभाग की ओर से गठित टीम लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रही है तथा हर पॉल्ट्री का सैंपल लेकर विभाग को पटना भेजा जा रहा है। जिससे बर्ड फ्लू के बारे में जानकारी प्राप्त किया जा सके। जांच टीम के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बर्ड फ्लू नामक बीमारी अक्सर पक्षियों में ही होता है। लेकिन कभी कभार यह मनुष्य में भी हो जाता है। जिससे मनुष्य की तबीयत खराब होने लगती है। मिली जानकारी के मुताबिक बर्ड फ्लू दिसंबर से जनवरी माह तक ही होने की आशंका रहती है। जैसे ही गर्मी का एहसास शुरू होने लगता है। बीमारी खत्म हो जाती है। बर्ड फ्लू से रोकथाम के उपाय
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मुर्गा, मुर्गी, कौआ, के अलावा कई पक्षियों में यह रोग हो सकता है। पड़ोस के जिला में रोहतास में भी बर्ड फ्लू का असर देखा गया है। इसको लेकर हर जगह पर जांच किया जा रहा है। बर्ड फ्लू होने के बाद एक किलोमीटर तक का रेंज के सारे घरेलू पक्षियों को मार दिया जाता है की रोग आगे की ओर न फैले। टीम के अधिकारी ने बताया की एचफाइवएनवन नामक वायरस काफी खराब है। इसके अलावा बर्ड फ्लू उस मनुष्य को भी हो सकता है जो ज्यादा समय पक्षियों के साथ रहता है। लेकिन जिले में ऐसा कोई मामला देखने को नहीं मिला है। टीम में डॉ. शंभू शरण सहायक कुकुट्ट पदाधिकारी, डॉ. राजेश कुमार द्विवेदी, मनोज कुमार, पशुधन सहायक, रामानंदन कुमार है।