जिले के 21 विद्यालय के बच्चे भूखे पेट पढ़ाई करने को विवश
राज्य सरकार द्वारा जिले के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को महत्वाकांक्षी
कैमूर। राज्य सरकार द्वारा जिले के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को महत्वाकांक्षी योजना एमडीएम के तहत भोजन उपलब्ध कराया जाता है। जिले में आइबीआरएस से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 21 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में राशि, खाद्यान्न व चापाकल के अभाव में 21 स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भूखे पेट रह कर पढ़ाई करनी पड़ रही है। एमडीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 1203 स्कूलों में एमडीएम योजना का लाभ बच्चों को दिया जा रहा है। इनमें से 39 स्कूलों में एमडीएम की आपूर्ति एनजीओ के माध्यम से की जा रही है। शेष विद्यालयों में एमडीएम रसोईयों द्वारा बना कर बच्चों के बीच दिया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार भभुआ, भगवानपुर, रामपुर व चैनपुर के अंतर्गत आने वाले 21 विद्यालयों में इन दिनों एमडीएम पूरी तरह से बंद है। सूत्रों की माने तो कन्या मध्य विद्यालय कमता में चापाकल, कोरी, जगतपुरा व एकौनी प्राथमिक विद्यालयों में राशि के अभाव में एमडीएम बंद है। वहीं भगवानपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय गौरा में भी राशि के अभाव में, बेलांव प्राथमिक विद्यालय में खाद्यान्न के अभाव में तो उत्क्रमित मध्य विद्यालय दुल्हरा में राशि के अभाव में एमडीएम बंद होने की बात बताई जा रही है। विभागीय सूत्रों का दावा है कि जिन स्कूलों में चापाकल खराब पड़े हैं उनकी मरम्मत के लिए विभाग को कई बार लिखा गया। उसके बावजूद भी चापाकल की मरम्मत की दिशा में पीएचईडी विभाग द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। इस मामले में एमडीएम पदाधिकारी विजय कुमार ने बताया कि वरीय पदाधिकारियों को सूचना दी गई है, जल्द ही इसपर कार्रवाई की जाएगी।