आयुष्मान भारत के तहत 2077 लोगों के बने गोल्डन कार्ड
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के आयुष्मान भारत कार्यक्रम की जिले में क्रमश: रफ्तार बढ़ रही है। इसके अंतर्गत अब तक 2077 लोगों का इलाज के लिए गोल्डन कार्ड बनाया जा चुका है। जिसमें से 111 विभिन्न रोगों से ग्रषित मरीजों का इलाज कर राशि भुगतान के लिए क्लेम भेजा जा चुका है।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के आयुष्मान भारत कार्यक्रम की जिले में क्रमश: रफ्तार बढ़ रही है। इसके अंतर्गत अब तक 2077 लोगों का इलाज के लिए गोल्डन कार्ड बनाया जा चुका है। जिसमें से 111 विभिन्न रोगों से ग्रषित मरीजों का इलाज कर राशि भुगतान के लिए क्लेम भेजा जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि जिले में कार्यक्रम का शुभारंभ बीते नवंबर माह में तकनीकी प्रशिक्षण के बाद हुआ। जैसे- जैसे लोगों को योजना की जानकारी होती गई लोग सदर अस्पताल सहित विभिन्न प्रखंडों में स्थित पीएचसी में पहुंच कर गोल्डन कार्ड बनवाने लगे है। किनको कैसे मिलेगा योजना का लाभ
प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के लिए वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर जिले के एक लाख 21 हजार नौ सौ परिवारों का प्रथम चरण में चयन किया गया। प्रत्येक परिवार के सभी कार्डधारी सदस्यों का गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा। एक परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख तक के इलाज की निश्शुल्क सुविधा फिलवक्त सरकारी अस्पताल में उपलब्ध हो रही है। बाद में निजी अस्पतालों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराने की कार्य योजना बनाई गई। किसी भी परिवार के सदस्य के बीमार होने पर गोल्डन कार्ड के आधार पर उसका इलाज कराया जाएगा। इलाज के बाद रोग के हिसाब से निर्धारित राशि की की पांच लाख में से कटौती कर दी जाएगी। शेष राशि से अगले बीमार का इलाज किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत सामान्य व सीजेरियन ऑपरेशन से लेकर हार्निया, हाइड्रोसील, एपींडेक्स आदि आपरेशन सहित अन्य गंभीर रोगों का भी इलाज कराया जा सकता है। गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए अनिवार्य
प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के लिए प्रत्येक परिवार के कार्ड धारी सदस्य को गोल्डन कार्ड बनवाना होगा। इसके लिए राशन कार्ड, पासबुक नंबर, फोटो पहचान पत्र सदर अस्पताल व पीएचसी के परामर्श केंद्र पर देना होगा। क्या कहते है अधिकारी- सीएस मिथिलेश झा के निर्देशानुसार सदर अस्पताल सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है। इस मामले में कैमूर जिला पूर्व में प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। कार्यक्रम की रफ्तार और तेज करने के लिए इसे निजी अस्पतालों से जोड़ने का कार्य शीघ्र पूरा कराने की कार्य योजना सरकार के स्तर से बन चुकी है।
- विवेक ¨सह, डीपीएम, नोडल पदाधिकारी