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रामगढ़ के हाईटेक पशु अस्पताल में सुविधाएं नदारत

कैमूर। सरकार के स्तर से पशुपालकों की सुविधा के मद्देनजर खोला गया हाईटेक पशु अस्पताल खुद ही अपनी बदहा

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 05:10 PM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 03:31 PM (IST)
रामगढ़ के हाईटेक पशु अस्पताल में सुविधाएं नदारत

कैमूर। सरकार के स्तर से पशुपालकों की सुविधा के मद्देनजर खोला गया हाईटेक पशु अस्पताल खुद ही अपनी बदहाली का रोना रो रहा है। इस अस्पताल को आज भी आवश्यकता के अनुसार कर्मियों के नहीं रहने से पशुपालकों को कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रखंड कार्यालय परिसर में एक करोड़ रुपए की लागत से जब इस हाईटेक अस्पताल का निर्माण हुआ तो इलाके के पशुपालकों में एक उम्मीद की नई किरण जगी और लोग बाग-बाग हो गए कि अब पशुओं में फैलने वाली गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन आज स्थिति यह हो गई है कि गांवों में कैंप लगाकर दिए जाने वाले गलाघोंटू व लंगड़ी जैसे खतरनाक बीमारियों के टीके तक नहीं लग पा रहें हैं। जिसके चलते कई पशुओं के इन गंभीर बीमारियों के चपेट में आने से उनकी मौत हो जा रही है। तरह-तरह के पशुओं में फैलने वाली बीमारियों से पशुपालकों के होश उड़ गए हैं। रामगढ़ के पशु अस्पताल में डाक्टर समेत छह कर्मियों के स्वीकृत पद में से मात्र एक डॉक्टर व एक डाटा आपरेटर कार्यरत हैं। बाकी पशुधन सहायक से लेकर अन्य चार कर्मी आज तक इस अस्पताल में नहीं पदस्थापित हो सके। डॉक्टर की पो¨स्टग भी तीन माह पहले हुई है। इसके पहले नुआंव में पदस्थापित डॉक्टर से रामगढ़ का भी कार्य चलाया जाता था। अस्पताल के गर्भाधान केंद्र में बन रहे शिक्षक प्रशिक्षण भवन का सामान ठेकेदारों ने रखकर कब्जा जमाया हुआ है। इस दौरान इस गर्भाधान केंद्र में आने वाले पशुपालकों को इन सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना बड़ा व हाईटेक पशु अस्पताल बनने के बाद भी खुद ही रास्ते के लिए तरस रहा है। अन्य मौसमों में तो किसी प्रकार पशुपालक इस जगह पहुंच जाते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में पानी से पूरा अस्पताल परिसर लबालब भरा रहता है। उस वक्त अस्पताल के कर्मी भी इसमें आने जाने से कतराते रहते हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर नव पदस्थापित डॉक्टर जाहिद हुसैन ने बताया कि हम सासाराम से आते-जाते हैं। चार कर्मी आज तक यहां नहीं आ सके। हम दो ही लोग पूरी व्यवस्था को देख रहें हैं।


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