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पर्यावरण और पौधे को बचाने में लगा है ऋषभ

जमुई। जमुई के चर्चित पत्थल काली मंदिर में कई बार हरे-भरे पौधों के साथ फूल लगाने के बड़े लोगों प्रयास जो विफल हो गए थे वह कक्षा 3 के छात्र ऋषभ के प्रयास से आगे बढ़ने लगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 07:51 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 07:51 PM (IST)
पर्यावरण और पौधे को बचाने में लगा है ऋषभ

जमुई। जमुई के चर्चित पत्थल काली मंदिर में कई बार हरे-भरे पौधों के साथ फूल लगाने के बड़े लोगों प्रयास जो विफल हो गए थे, वह कक्षा 3 के छात्र ऋषभ के प्रयास से आगे बढ़ने लगे। जमुई के लोगों की आस्था का प्रतीक पत्थर काली मंदिर में जिले भर के लोग अपनी मन्नतें पूरी होने के बाद माता के दरबार में सिर झुकाने आते हैं।

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इसी अहाते में कई बार लोगों ने प्रयास कर बड़ पीपल नीम के अलावा कई तरह के पुष्प के पौधे लगाने के प्रयास किए। शहर की चिकित्सक डॉ. मंजू चौहान ने लोहे के बाड़ और कंटीले तार लगाकर भी यहां पौधे लगवाए। इसकी देखरेख भी की परंतु लोगों ने लोहे के बाड़ को काटकर बेच लिया और पौधे कई बार खत्म हो गए। इस बार साईं मंदिर के विक्की चौहान इस जगह पर पौधे लगाकर बांस से घेरा तो फिर देखरेख के अभाव में इसे खत्म होने का खतरा मंडराने लगा था परंतु मंदिर के पास के घर में रहने वाले कक्षा 3 के पीडी मिडिल स्कूल के छात्र ऋषभ ने इस बगान की देखरेख की जिम्मेदारी उठा ली। अब वह हर दिन बागान में पौधों का पटवन से लेकर इसे बचाने के लिए प्रयासरत रहता है। मौके पर खेल रहे उक्त छात्र को देखकर वहां मौजूद अन्य लड़कों ने भी उसे सहयोग करना प्रारंभ कर दिया है। जिन बच्चों से पौधों और बागान को खतरा था वही उसके संरक्षक बनकर पौधों को और पथल काली मंदिर के बागान को बचाने में लगे हैं।


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