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फागुन में चैत जैसा बयार, सूख जाएगा हलक

जमुई। अभी मार्च शुरू ही हुआ और जिले का तापमान 30 डिग्री से अधिक पहुंच गया है। चिलचिलाती धूप परेशान करने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 05:40 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 05:40 PM (IST)
फागुन में चैत जैसा बयार, सूख जाएगा हलक

जमुई। अभी मार्च शुरू ही हुआ और जिले का तापमान 30 डिग्री से अधिक पहुंच गया है। चिलचिलाती धूप परेशान करने लगी है। नदियों में भी पानी का दायरा सिमटता जा रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे अप्रैल आ गया हो। फागुन माह में ही चैत जैसा बयार आने वाले पेयजल संकट की ओर इशारा कर रहा है।

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वैसे भी जिले में पेयजल की समस्या आम है। इस बार पेयजल की भीषण समस्या होने की संभावना दिख रही है। लिहाजा, अगर जल संरक्षण की नहीं सोची तो यकीनन प्यासे रहना होगा। हालांकि गर्मी के तेवर देखकर जिला प्रशासन ने पहल कर दी है। लोक स्वास्थ्य प्रमंडल खराब पड़े चापाकलों को दुरुस्त कराने की कवायद में जुट गया है। कृषि विज्ञानी डा सुधीर कुमार सिंह के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में पांच से छह डिग्री तापमान अधिक है।

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हांफने लगा चापाकल, सूखने लगी नदियां

शुरुआती गर्मी में ही चापाकल पानी उगलने में हांफने लगा है तो नदियां भी सूखने लगी है। नदियों में पानी का दायरा सिमटता जा रहा है। जिले का लाइफ लाइन माने जाने वाला किउल नदी में भी पानी की छोटी से धार बह रही है। आजन नदी में पानी थम गया है।

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30 फीट पहुंचा जलस्तर

मार्च शुरू होने के साथ ही जिले का औसत जलस्तर 30 फीट पहुंच गया है यानि कहीं-कहीं जलस्तर इससे ज्यादा और कहीं-कहीं कम है। चकाई, खैरा और अलीगंज के कुछ जगहों पर जलस्तर की ज्यादा गिरावट आई है। इन क्षेत्रों हर वर्ष पेयजल का संकट होता है। इस वर्ष स्थिति और खराब होने की उम्मीद है।

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जिले में 20 हजार से अधिक है चापाकल

लोक स्वास्थ्य प्रमंडल के अनुसार जिले में 20 हजार चार सौ सरकारी चापाकल है। जिसमें 1740 के खराब होने की रिपोर्ट है। विभाग द्वारा चलंत टीम का गठन किया गया है। अभी सदर प्रखंड छोड़कर सभी प्रखंड में वाहन टीम को भेजा गया है। ये शिकायत मिलते ही चापाकल को दुरूस्त करेंगे। इसके अलावा एक मोटरसाइकिल टीम भी बनाई जा रही है। ये टीम क्षेत्र में भ्रमण करते रहेंगे। मुख्यालय में भी शिकायत नंबर अधिकृत किया गया है। इस नंबर पर भी फोन कर चापाकल खराब होने की सूचना दी जा सकती है।

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सभी प्रखंडों में होती है पेयजल की किल्लत

गर्मी में जिले के प्राय: सभी प्रखंडों में पेयजल की किल्लत झेलनी पड़ती है। नल जल योजना का नल भी पानी उगलना कम कर देता है। इसके पीछे की वजह निर्धारित से कम गहराई की बोरिग और पानी की बर्बादी बताई जाती है। हालांकि पीएचईडी के अनुसार लगभग डेढ़ लाख घरों में पानी का कनेक्शन दिया गया है।

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बढ़ेगा का तापमान, घटेगी नमी

टाइम एंड डेट डॉट कॉम के अनुसार मंगलवार से 16 मार्च तक तापमान में बढ़ोतरी और हवा में नमी के घटने का का पूर्वानुमान है। साथ ही तेज हवा चलेगी। हालांकि नमी में उतार-चढ़ाव रहेगा। मंगलवार को जिले का तापमान अधिकतम 32 डिग्री रही। 16 मार्च तक तापमान 37 डिग्री पहुंच जाने का पूर्वानुमान है।

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तापमान का पूर्वानुमान डिग्री में

तिथि------अधिकतम--नमी (फीसद में) 3 मार्च ---32------ 19 4 मार्च ---35------17 5 मार्च ---36------14 6 मार्च ---34------16 7 मार्च ---35------14 8 मार्च ---36------15 9 मार्च ---37------11 10 मार्च ---37------9 11 मार्च ---36------11 12 मार्च ---36------8 13 मार्च ---36------7 14 मार्च ---37------8 15 मार्च ---37------15 16 मार्च --- 37 ------17

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खराब चापाकल की यहां करें शिकायत

अंकित--8877703922

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कुल सरकारी चापाकल---20400

खराब पड़े चापाकल----1740

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कोट

गर्मी को देखते हुए पेयजल किल्लत होने की संभावना है। खराब चापाकलों को दुरूस्त किया जा रहा है। मिस्त्री व हेल्पर की चलंत टीम बनाई गई है। टीम सभी सामग्री के साथ वाहन से प्रखंड का भ्रमण कर रहे हैं।

ई. विजय कुमार, कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, जमुई


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