जन्मजात रोग से पीड़ित मासूमों की लौट रही मुस्कान
जमुई। उछलते-कूदते और शरारत करते मासूम सोनू को देख उसके माता-पिता का चेहरा खिल उठता है। पेरू चौधरी के चेहरे पर एक सुखद मुस्कान आ जाती है जो लाचारी के कारण सीने में दफन दर्द को जता रहा है। ऐसे दर्द से गुजरने वालों में सोनू के माता-पिता अकेले नहीं है।
जमुई। उछलते-कूदते और शरारत करते मासूम सोनू को देख उसके माता-पिता का चेहरा खिल उठता है। पेरू चौधरी के चेहरे पर एक सुखद मुस्कान आ जाती है जो लाचारी के कारण सीने में दफन दर्द को जता रहा है। ऐसे दर्द से गुजरने वालों में सोनू के माता-पिता अकेले नहीं है। इसी तरह के कई मासूमों के दिल में छेद ने खुशियों की बगिया में सुराग कर दिया था।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत बाल हृदय योजना के तहत सोनू, साक्षी कुमारी, आलोक कुमार, प्रियंका कुमारी, रितेश कुमार को नया जीवन मिला तो उनके गरीब माता-पिता के दिल को चैन मिला। अब ये बच्चे भी अन्य बच्चों की तरह खेलते-कूदते और शरारत करते हैं। गुगुलडीह बरहट की साक्षी के पिता कुंदन तांती, गरसंडा जमुई के आलोक के पिता नवीन कुमार, खुटौना खैरा की प्रियंका कुमारी के पिता माणिकचंद सहित अन्य के माता-पिता ने बताया कि विवशता का दर्द असहनीय होता है। पहले बच्चे थोड़ी देर खेलते ही थक जाते थे। दौड़ नहीं पाते थे। शरारत नहीं कर पाते थे। दिल में छेद होने के कारण अनहोनी का डर लगा रहता था। आपरेशन के बाद बच्चे स्वस्थ हैं। खूब खेलते व दौड़-भाग करते हैं। इनको हंसते-दौड़ते देखकर सुकून मिलता है। सरकार के प्रयास ने खुशियों की सौगात दे दी।
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अन्य विकृति से पीड़ित मासूमों का भी हो रहा उपचार
दिल में छेद के अलावा अन्य जन्मजात रोग से ग्रस्त बच्चों का भी इलाज किया जा रहा है। इसमें कलब फुट, रीढ हड्डी विकृति, होठ-तालु कटा रोग, अंधापन आदि शामिल हैं।
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चिन्हित किए जाते हैं बच्चे
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जन्मजात विकृति से ग्रस्त बच्चों को चिन्हित कर इलाज की व्यवस्था कराई गई। बिहार सरकार द्वारा इन बच्चों का नि:शुल्क इलाज कराया जाता है। जमुई में अब तक पांच हृदयरोगी बच्चों की बाल हृदय योजना से मुस्कान लौटी है। इन बच्चों का अहमदाबाद में इलाज किया गया। बच्चों व उनके अभिभावकों को हवाई जहाज से एक चिकित्सक की निगरानी में अहमदाबाद भेजा जाता है। इसके पहले भी स्थानीय व पटना स्तर की जांच में एंबुलेंस सहित सारा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
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बाक्स
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सौ जन्मजात विकृति के शिकार बच्चों का होगा इलाज
जमुई : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक कृष्णमूर्ति ने बताया कि अभी पांच बच्चों का आपरेशन कराया गया है। जन्मजात विकृति से ग्रस्त सौ बच्चों के इलाज के लिए प्रक्रिया प्रारंभ है। इसमें हृदय रोग के 20, दृष्टि दोष के चार, ओठ एवं तालु विकृति के 15, पैरों एवं कूल्हों की विकृति के 44, रीढ़ हड्डी की विकृति के 16, जन्मजात बहरापन से ग्रसित दो मासूम शामिल हैं। जल्द ही पांच और हृदय रोगी बच्चे को अहमदाबाद भेजा जाएगा।
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कोट
कोरोना के कारण कुछ परेशानी हुई। अब फिर से बच्चों को इलाज के लिए भेजा जा रह है। एक वर्ष से 18 वर्ष तक के हृदय रोगी का इलाज कराया जाता है। जुलाई में पांच और हृदय रोगी बच्चों को भेजा गया है।
कृष्णमूर्ति, जिला समन्वयक
आरबीएसके, जमुई