तीसरे राउंड के बाद पूर्णिया, पटना, छपरा व दरभंगा आगे
जमुई। राज्यस्तरीय जूनियर शतरंज प्रतियोगिता के दूसरे दिन रविवार को 80 ब'चों ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की। शहर स्थित ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल परिसर में 40 टेबल पर 80 प्रतिभागी शतरंज की चाल चलने में मग्न थे।
जमुई। राज्यस्तरीय जूनियर शतरंज प्रतियोगिता के दूसरे दिन रविवार को 80 बच्चों ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की। शहर स्थित ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल परिसर में 40 टेबल पर 80 प्रतिभागी शतरंज की चाल चलने में मग्न थे। इसमें कई की उम्र देखकर लोगों को आश्चर्य भी हो रहा था। चाल चलने के साथ ही कागज पर बच्चे अंक नोट कर रहे थे। एसडीओ लखीन्द्र पासवान, मुख्यालय डीएसपी बाबूलाल यादव ने प्रतियोगिता के दूसरे दिन का शुभारंभ किया। एसडीओ लगभग सभी टेबल पर पहुंचकर प्रतिभागियों का हौसला अफजाई की। मौके पर उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ी प्रतिभा संपन्न हैं। यह मौका शतरंज को छोटे से शहर में आगे बढ़ाने का है। डीएसपी बाबूलाल ने कहा कि जमुई में ऐसे प्रतियोगिता का आयोजन गर्व की बात है। यह खेल मानसिक एकाग्रता में वृद्धि लाता है। जिस कारण छात्र जीवन में इससे लाभ मिलता है। शतरंज संघ के जिला महासचिव डॉ. मनोज सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर जिले के खिलाड़ियों की पहचान दिलाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। बताया कि यह प्रतियोगिता कुछ छह राउंड की है। शनिवार को एक राउंड का खेल संपन्न हुआ। रविवार को तीन राउंड व सोमवार को दो राउंड के खेल के बाद बालक वर्ग व बालिका वर्ग में वन, टू, थ्री का चयन किया जाएगा। चयनित खिलाड़ी जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैच के दौरान निर्णायक के रुप में पटना के राहुल कुमार एवं लखीसराय के सौरभ सुमन मिश्रा मौजूद थे। प्रतियोगिता को लेकर ग्रेमियल पेराइड, आनंदलाल पाठक, अनुज तिवारी, भूपेन्द्र सिन्हा, कृष्ण मोहन प्रसाद, ऋतुराज सिन्हा सहित दर्जन लोग सक्रिय थे।
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तीन राउंड के बाद बढ़त बनाने वाले खिलाड़ी
बालिका वर्ग
जिला नाम अर्जित प्वाइंट
पूर्णिया -गरिमा गौरव -3
पटना -भाव्या वर्मा- 2.5
छपरा -रश्मिी प्रिया -2
छपरा -वर्षा स्वराज -2
बालक वर्ग
जिला नाम अर्जित प्वाइंट
पूर्णिया -सौरभ आनंद -3
पटना -कुमार गौरव -3
दरभंगा - भूपनाथ -3
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फिर चर्चा में आने लगा शतरंज
जमुई : शतरंज की बिसात ने पुराने दिनों की याद ताजा कर दी है। एक समय में जिले भर में शतरंज का खेल गली-गली तक पहुंचा था। कालांतर में क्रिकेट के जुनून ने लोगों को शतरंज के बिसात से दूर करना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि मलयपुर स्थित जमुई रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म नम्बर दो के बगल में स्थित स्व. पच्चन ¨सह की पान की दुकान में दिन भर शतरंज का बिसात बिछा रहता था। उम्रदराज से लेकर कम उम्र के भी दक्ष लोग शतरंज की चाल पर ख्याति पाते थे। चाय और पान के साथ शतरंज के चाल के बीच राजनीतिक मुद्दों पर मंथन यहां की दिनचर्या हुआ करती थी। ऐसे ही दृश्य अमूमन गांवों में दिखते थे। लोगों का पहला शौक शतरंज खेलना था। धीरे-धीरे यह संस्कृति विलुप्ति के कगार पर पहुंच गई थी। मगर राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन होने के साथ ही लोगों में फिर एक बार शतरंज को लेकर चर्चा आम होने लगी।