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चुनाव की तिथि घोषित नहीं, वार्ड में भावी प्रत्याशी जोड़ने लगे हाथ

झाझा नगर परिषद चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं हुई लेकिन भावी प्रत्याशियों का दौरा वार्ड तेज है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 08:04 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 08:04 PM (IST)
चुनाव की तिथि घोषित नहीं, वार्ड में भावी प्रत्याशी जोड़ने लगे हाथ
चुनाव की तिथि घोषित नहीं, वार्ड में भावी प्रत्याशी जोड़ने लगे हाथ

चुनाव की तिथि घोषित नहीं, वार्ड में भावी प्रत्याशी जोड़ने लगे हाथ

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संवाद सूत्र, झाझा(जमुई): झाझा नगर परिषद चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं हुई लेकिन भावी प्रत्याशियों का दौरा वार्ड तेज है। नगर अध्यक्ष से लेकर वार्ड से चुनाव लड़ने वाले भावी प्रत्याशी सुबह से लेकर शाम तक मतदाताओं के चौखट पर हाजिरी लगा रहे हैं। सबसे ज्यादा चर्चा नगर अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद को लेकर है। कई लोग इस पद पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। कई भावी प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित होने की बात कह रहे हैं, जबकि कई ने अभी पत्ता नहीं खोला है। बहरहाल दावा में कितनी सच्चाई है, यह समय के गर्त में है। कई जीत का समीकरण जाति तो कई लोकप्रियता के आधार पर दावा कर रहे हैं। यही हाल अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सीट पर भी है। मालूम हो कि झाझा नगर परिषद बनने के बाद वार्डों की संख्या 25 हो गई है। कई वार्ड का परिसीमन काटकर दूसरे वार्ड में जोड़ा गया है। 25 अगस्त को आरक्षण रोस्टर के जारी होने की बात सामने आई थी परंतु समाचार लिखे जाने तक आरक्षण रोस्टर को हरी झंडी प्रदान नहीं की गई थी।

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आरक्षण को लेकर संशय

नगर परिषद के वार्डों का आरक्षण रोस्टर जारी नहीं होने से भावी प्रत्याशियों में संशय की स्थिति बनी हुई है। कई प्रत्याशी ने दो-दो वार्ड में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रखी है। कहना है जिस वार्ड आरक्षण में आएगा उससे चुनाव लड़ जाएंगे। बताया कि पहले से जो आरक्षण रोस्टर चल रहा है अगर यह रह गया तो वार्ड पार्षदों को फायदा होगा। कई वार्ड पार्षद एवं भावी प्रत्याशी अपने-अपने वार्ड में विकास कार्य को गति प्रदान किया है परंतु आरक्षण के पुनः सुधार होने से वैसे प्रत्याशी परेशान होंगे। आखिर विकास का क्या फायदा होगा जब वार्ड का आरक्षण रूप ही बदल जाएगा।

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वार्ड सदस्य ज्यादा परेशान

मतदाताओं के रुख से वर्तमान वार्ड सदस्य कहलाने वाले प्रत्याशी ज्यादा परेशान दिख रहे हैं। अधिकांश वार्ड में मतदाता पुराने से ज्यादा नए चेहरे को पसंद कर रहे हैं जिससे कई वार्ड पार्षद के चेहरे पर से रौनक की जगह परेशानी ने ले ली है। मतदाताओं ने कहा कि वार्ड पार्षदों ने अपने चेहते व्यक्ति पर ज्यादा ध्यान दिया और मतदाताओं की बातों को नजरअंदाज कर दिया। अब समय आ गया है।


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