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2015 के चुनाव में तीन फीसद मतदाताओं ने दबाया था नोटा का बटन

जमुई। बिहार विधानसभा 2015 में जमुई के तीन फीसद मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था अर्थात 593

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 05:23 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 05:23 PM (IST)
2015 के चुनाव में तीन फीसद मतदाताओं ने दबाया था नोटा का बटन
2015 के चुनाव में तीन फीसद मतदाताओं ने दबाया था नोटा का बटन

जमुई। बिहार विधानसभा 2015 में जमुई के तीन फीसद मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था अर्थात 5,93,542 मतदाताओं में से 17632 मतदाताओं ने उम्मीदवारों को नापसंद किया। या फिर यूं कहें कि उम्मीदवारों की कर्मठता, योग्यता और उम्मीद पर खरा उतरने की संभावना से सहमत नहीं थे। चकाई विधानसभा क्षेत्र में तो यह आंकड़ा पांच फीसद से ऊपर दर्ज किया गया। आलम यह था कि चकाई और सिकंदरा में जितने मतों का हार जीत के बीच फासला था उसका आधा से अधिक मत नोटा को मिल गया था। जमुई के चार विधानसभा क्षेत्रों यथा सिकंदरा, जमुई, झाझा और चकाई में क्रमश: 134607, 155646, 159333 तथा 142956 मत पड़े थे। नोटा को मिले मतों की बात करें तो यहां 17632 मतदाताओं ने कुल 47 प्रत्याशियों में से किसी को भी पसंद नहीं किया था जिसमें सर्वाधिक चकाई विधानसभा क्षेत्र में 7379 मतदाता और सबसे कम जमुई के 1975 मतदाताओं की पसंद नोटा बनी। झाझा में 4354 सिकंदरा में 3924 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था। ------- विधानसभा क्षेत्र - पोल्ड वोट - नोटा

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सिकंदरा - 134607 - 3924 जमुई - 155646 - 1975 झाझा - 159333 - 4354 चकाई - 142956 - 7379 -------- बॉक्स

जमुई के 47 में से 38 उम्मीदवारों की जब्त हो गई थी जमानत

बिहार झारखंड की सीमा पर अवस्थित चकाई विधानसभा क्षेत्र जमुई का इकलौता था जहां दो के अलावा तीसरे उम्मीदवार की जमानत बच पाई थी। वैसे तो जिले में निर्वाचित एवं निकटतम प्रतिद्वंदी की ही जमानत अन्य तीन विधानसभा क्षेत्रों में बच पाई थी लेकिन चकाई में एनडीए के घटक लोजपा से चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे विजय सिंह 28,551 मत प्राप्त कर जमानत बचाने में कामयाब रहे थे। यहां से महागठबंधन की उम्मीदवार सावित्री देवी ने 47,000 मत प्राप्त कर लगभग 12,000 मतों से निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय सुमित कुमार सिंह को पराजित किया था। जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में विजयी उम्मीदवारों तथा निकटतम प्रतिद्वंदी के अलावा अन्य किसी की जमानत नहीं बच पाई थी। यहां बताना लाजिमी है कि झाझा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के रविद्र यादव निर्वाचित हुए थे तथा निकटतम प्रतिद्वंदी पूर्व मंत्री दामोदर रावत रहे थे। जमुई विधानसभा क्षेत्र में जीत राजद के विजय प्रकाश के खाते में गई थी और पराजय भाजपा के अजय प्रताप को मिला था। इसी प्रकार सिकंदरा में कांग्रेस के सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी चुनावी रेस में आगे निकल गए और सुभाष चंद्र बोस जीत से चंद कदम दूर ठहर गए थे। ------ विधानसभा क्षेत्र - उम्मीदवार की संख्या - जमानत गंवाने वालों की संख्या सिकंदरा- 7 - 5 जमुई - 16 - 14 झाझा - 14 - 12 चकाई - 10 - 7 ------- इनसेट लगानी पड़ी थी दो-दो ईवीएम

जमुई : बीते विधानसभा चुनाव में जमुई विधानसभा क्षेत्र में हर एक मतदान केंद्र पर दो-दो ईवीएम लगानी पड़ी थी। दरअसल जमुई से चुनाव मैदान में 16 उम्मीदवार शेष रह जाने के कारण उक्त परिस्थिति पैदा हुई थी। तब मतदाताओं को भी वोट डालने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को समझाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इस बार के चुनाव में किसी भी विधानसभा क्षेत्र में 15 प्रत्याशी से अधिक नहीं हैं। लिहाजा एक मतदान केंद्र पर एक ही ईवीएम से मतदान कार्य पूर्ण हो जाएगा।


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