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भगवान महावीर का स्नात्र पूजन कर किया गया उठावन

जमुई। सोमवार को क्षत्रियकुंड लछुआड़ स्थित जैन श्वेताम्बर सोसायटी धर्मशाला मंदिर में भगवान महावीर का स्नात्र पूजन कर जैन रीति के साथ भगवान का उठावन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 06:53 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 06:53 PM (IST)
भगवान महावीर का स्नात्र पूजन कर किया गया उठावन
भगवान महावीर का स्नात्र पूजन कर किया गया उठावन

जमुई। सोमवार को क्षत्रियकुंड लछुआड़ स्थित जैन श्वेताम्बर सोसायटी धर्मशाला मंदिर में भगवान महावीर का स्नात्र पूजन कर जैन रीति के साथ भगवान का उठावन किया गया। इस दौरान जैनाचार्य ने भगवान प्रभु से उनके जन्मकल्याणक भूमि ले जाने की आज्ञा मांगी। इस मौके पर देश व विदेश से भारी संख्या में पहुंचे जैन श्रद्धालु भगवान महावीर की भक्तिरस की धारा में डूबे रहे। चारों ओर त्रिशलानंदन वीर की ,जय बोलो महावीर की नारे गूंजते रहे। इससे पूर्व चातुर्मास (चौमासे) में 47 घंटे तक श्रद्धा व भक्ति के साथ साधना करने वाले जैन श्रेष्ठियों को जैनाचार्य के द्वारा मोक्षमाला के माध्यम से माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया। इस 47 घंटे की तप साधना में 42 जैन श्रेष्ठि शामिल थे। च्यवन व दीक्षा कल्याणक में करेंगे विश्राम मंगलवार यानि आज बड़गोड़ा (जुलूस) के साथ श्रवण भगवान महावीर रथ पर बैठकर गाजे बाजे, ढोल नगाड़ों के बीच तलहटी स्थित अपने च्यवन व दीक्षा कल्याणक भूमि पर पहुंचकर विश्राम करेंगे। तत्पश्चात 12 दिसम्बर बुधवार को बड़गोड़ा के साथ अपने जन्म कल्याणक भूमि के लिए प्रस्थान करेंगे। भगवान की इस रथ यात्रा में जैनाचार्य के साथ हजारों जैन श्रद्धालु श्रद्धा व भक्ति के साथ पद यात्रा में शामिल रहेंगे।

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