सरकारी दावों में शराबबंदी, धंधे में रोज बुलंदी
जमुई। बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद उत्पाद विभाग ने बेशक बड़ा काम किया है लेकिन तमाम कार्रवाई के बा
जमुई। बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद उत्पाद विभाग ने बेशक बड़ा काम किया है लेकिन तमाम कार्रवाई के बाद भी माफिया तंत्र को समाप्त नहीं किया जा सका है। यही कारण है कि आज भी सख्ती के बावजूद शराब का धंधा बेखौफ फल-फूल रहा है। चोरी-छिपे जिले के विभिन्न इलाकों में रोजाना शराब की बिक्री हो रही है। भटके युवा धंधे को कमाई का जरिया बना चुके हैं।
पुलिस और शराब धंधेबाजों के बीच मानो आंख मिचौनी का खेल चल रहा है। धंधेबाज हर दिन शराब छिपाने का ठिकाना बदल रहे हैं। जिस जगह पर उम्मीद नहीं की जा सकती वहां भी शराब की खेप बरामद की जा रही है। महज तीन दिन पूर्व सिकन्दरा थाना क्षेत्र के गोखुला गांव स्थित सामुदायिक भवन से उत्पाद पुलिस ने भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद कर चुकी है। जमुई में इससे पूर्व भी विद्या का मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय में भी शराब की बरामदगी हो चुकी है। पंजाब, झारखंड तथा हरियाणा से प्रतिबंध के बावजूद जमुई में शराब पहुंचना भी आश्चर्य का विषय बना है। अंग्रेजी शराब की पहुंच रही खेप के मामले में उत्पाद पुलिस को कामयाबी तो मिली है लेकिन माफिया अब तक पुलिस पकड़ से दूर है। वर्ष 2018 में अब तक उत्पाद पुलिस द्वारा 2101 जगहों पर की गई छापेमारी में 174 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि 832.4 लीटर देसी शराब तथा 1025.16 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई है। इसके अलावा टाटा सूमो, स्विफ्ट डिजायर, ऑल्टो, ऑटो, मारुति सुजूकी सहित कुल 14 वाहनों को जब्त किया गया है।
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कोट
उत्पाद विभाग द्वारा शराब तस्करी पर रोक लगाने के लिए हर दिन छापामारी की जा रही है। छापामारी अभियान में बहुत हद तक सफलता भी मिल रही है।
- रजनीश, उत्पाद अधीक्षक, जमुई।