भगवान भरोसे चल रहा मरीजों का इलाज
जमुई। जमुई जिला में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जमुई सहित झाझा में पैथोलॉजी विगत दस दिनों से बंद है।
जमुई। जमुई जिला में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जमुई सहित झाझा में पैथोलॉजी विगत दस दिनों से बंद है। वहीं विभाग द्वारा अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कोई पैथोलॉजी खुला भी तो स्वस्थ्य विभाग ने सील कर दिया। इस स्थिति में मरीजों को झारखंड जाना पड़ रहा है। वहीं कई चिकित्सक बिना जांच के ही दवा लिख रहे हैं। स्वस्थ्य विभाग की नीति से पैथोलॉजी के कर्मचारियों में आक्रोश है। सरकारी अस्पताल में बिना एमडी डिग्रीधारकों के ही मरीजों का जांच किया जा रहा है। वहीं पैथोलॉजी कर्मी बाहर अपने पैथोलॉजी में जांच करेगा तो विभाग उसको सील कर देगा। बेसिक लैबों में एमडी व एमबीबीएस की डिग्रीधारकों की सेवा को अनिवार्य नहीं वाछनीय बताया गया है जबकि कोर्ट के आदेश के बाद एमडी डिग्रीधारकों की सेवाएं नहीं लेने वाले सभी लैब को बंद करा दिया है। वर्ष 2012 में केन्द्र सरकार ने पैथोलॉजी के संचालन के लिए नियम तैयार किया था। उसके बाद प्रभावित पक्ष द्वारा इसका विरोध होने लगा। जिसके कारण वर्ष 2017 में संशोधन कर सरकार ने प्रभावित पक्ष से अपनी राय मांगी थी। मई 2018 में भारत सरकार ने अपने गजट में पैथोलॉजी लैब व डायग्नोसिस सेंटरों के तीन भाग में वर्गीकृत कर प्रत्येक के लिए अलग-अलग मानक बनाए गए हैं। पहला बेसिक लैबों के संचालन के लिए एमबीबीएस या एमडी डिग्री धारकों की सेवाएं आवश्यक नहीं हैं। गजट में बेसिक लैबों के लिए इन डिग्री धारकों की सेवाओं को वांछनीय बताया गया है। बेसिक लैबों में होने वाली जांच की रिपोर्ट पर एमबीबीएस व एमडी का हस्ताक्षर नहीं है। जब इन जांच रिपोट की विवेचना की जरूरत पड़ेगी उस स्थिति में इन डिग्रीधारकों की सेवा आवश्यक होगी। जबकि डायग्नोसिस सेंटरों की जांच रिपोर्ट पर एमबीबीएस व एमडी डिग्रीधारकों का हस्ताक्षर आवश्यक है। इस संदर्भ में रेफरल अस्पताल प्रभारी डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद प्राईवेट पैथोलॉजी बंद हो गए हैं। आमलोगों को ही रही समस्या पर कांग्रेस नेता धर्मदेव यादव ने कहा कि बिना कोई व्यवस्था किए ही पैथोलॉजी सील कर दिया जा रहा है।