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धान खरीद में अब खाते की खता

संवाद सहयोगी जमुई धान खरीद में अभी नमी की बाधा दूर हुई भी नहीं की एक नई अड़चन सामने आ गई है। अब निबंधन के वक्त किसानों द्वारा दिए गए ग्राहक सेवा केंद्र से खुले खाते के कारण मुश्किलें सामने आ रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 07:21 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 07:21 PM (IST)
धान खरीद में अब खाते की खता

- नमी भी बनी है बाधक

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- 15 दिनों में हुई 1579 क्विंटल धान की खरीद

- 12 पैक्स ही अब तक हो सके हैं क्रियाशील

- अगले हफ्ते तक एक सौ क्रय केंद्र को क्रियाशील कर देने का लक्ष्य

- 72 दिनों में होगी 96 हजार मैट्रिक टन खरीदारी की चुनौती

संवाद सहयोगी, जमुई : धान खरीद में अभी नमी की बाधा दूर हुई भी नहीं की एक नई अड़चन सामने आ गई है। अब निबंधन के वक्त किसानों द्वारा दिए गए ग्राहक सेवा केंद्र से खुले खाते के कारण मुश्किलें सामने आ रही है। परेशानी का सबब तो रजिस्ट्रेशन में अंकित मोबाइल नंबर का भी बंद होना या फिर बदल जाना बना हुआ है। इसके कारण वन टाइम पासवर्ड मिलना मुश्किल हो गया है। बताया जाता है कि ग्राहक सेवा केंद्र से खुले खातों में एक लाख से अधिक की राशि का ट्रांजैक्शन साल भर में नहीं किया जा सकता है। साथ ही एक माह में 10 हजार रुपये तक की ही निकासी की जा सकती है। ऐसे में किसानों के साथ साथ पैक्स अध्यक्षों व सहकारिता बैंक प्रबंधक के समक्ष मुसीबत आन पड़ी है। सहकारिता बैंक के शाखा प्रबंधक अभिषेक कुमार ने बताया कि किसानों को निबंधन में आनलाइन खाता बदलना होगा, अन्यथा बड़ी परेशानी होगी। इसके साथ ही 15 दिनों में 1579 क्विंटल धान की खरीदारी 15 किसानों से 12 पैक्स में की गई है। नमी के अलावा खलिहान में धान होने की समस्या अब भी बनी है। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने अगले सप्ताह तक कम से कम 100 पैक्स में खरीदारी प्रारंभ हो जाने का दावा किया है। फिलहाल राइस मिलों के सत्यापन का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके बाद टैगिग की प्रक्रिया को फाइनल टच दिया जाएगा।

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पैक्स अध्यक्षों ने कहा

पैक्स अध्यक्ष मु. मुस्ताक, धीरज कुमार, मिथिलेश कुमार, जीवन पांडे आदि ने बताया कि किसानों के निबंधन के साथ दर्ज खाता और मोबाइल नंबर के कारण मुश्किल खड़ी हो गई है। अधिकांश किसानों ने खाता नंबर ग्राहक सेवा केंद्र का दिया हुआ है। उक्त खाते में धान की कुल कीमत की एकमुश्त राशि हस्तांतरण में परेशानी हो रही है। एक लाख से कम की राशि हस्तांतरित हो भी जाती है तो किसान उसे तुरंत नहीं निकाल सकेंगे। नतीजतन 48 घंटे में किसानों को धान की कीमत भुगतान का दावा यहां खोखला साबित होगा।

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खैरा, बरहट और अलीगंज में नहीं खुला खाता

सर्वाधिक लक्ष्य वाला खैरा प्रखंड के अलावा बरहट और अलीगंज में धान खरीद का खाता भी नहीं खुला है। इन प्रखंडों में एक भी पैक्स या फिर व्यापार मंडल अब तक क्रियाशील नहीं हुए हैं। इन प्रखंडों में एक-दो दिनों में खरीदारी आरंभ हो जाने की बात कही जा रही है।

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अब तक महज 157 एमटी की हुई खरीदारी

जिले में धान की खरीदारी अब तक महज 157 मीट्रिक टन ही हो पाई है। विभाग और जिला प्रशासन के समक्ष 72 दिनों में 96000 मीट्रिक टन धान खरीद की चुनौती होगी। जिले में 140 पैक्स तथा आठ व्यापार मंडल को फिलहाल धान खरीद की जिम्मेवारी दी गई है। इसमें 12 पैक्स ही अब तक क्रियाशील हो सके हैं।

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प्रखंड वार की गई धान की खरीदारी प्रखंड - पैक्स - किसान - मात्रा चकाई - एक - एक - 250 क्विंटल गिद्धौर - एक - दो - 157 क्विंटल जमुई - एक - तीन - 399 क्विंटल झाझा - दो - दो - 232 क्विंटल लक्ष्मीपुर - चार- चार - 361 क्विंटल सिकंदरा - दो - दो - 100 क्विंटल सोनो - एक - एक - 80 क्विंटल

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कोट

जिन किसानों का भी खाता ग्राहक सेवा केंद्र का है उन्हें धान की कीमत की निकासी में मुश्किल होगी। उन खातों में एक साथ बड़ी रकम हस्तांतरण में भी समस्या है। इसको लेकर निदेशक तथा सहकारिता पदाधिकारी को अवगत करा दिया गया है।

अभिषेक कुमार, शाखा प्रबंधक मुंगेर-जमुई केंद्रीय सहकारी बैंक, जमुई

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कोट

खाता और मोबाइल नंबर की समस्या के समाधान को लेकर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों से भी खाता नंबर किसान सलाहकार से मिलकर बदलवा लेने की अपील की जा रही है। संजीव कुमार सिंह, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जमुई


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