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सीडीएस अधिकारी जनरल विपिन रावत को दी गई श्रद्धांजलि

संवाद सूत्र गिद्वौर (जमुई) लार्ड मिटो टावर परिसर में गुरुवार को बुद्धिजीवी मंच द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा में सीडीएस अधिकारी जनरल विपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 11 जवानों की शहादत पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 05:55 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 05:55 PM (IST)
सीडीएस अधिकारी जनरल विपिन रावत को दी गई श्रद्धांजलि

संवाद सूत्र, गिद्वौर (जमुई): लार्ड मिटो टावर परिसर में गुरुवार को बुद्धिजीवी मंच द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा में सीडीएस अधिकारी जनरल विपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 11 जवानों की शहादत पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा में प्रखंड प्रमुख शंभु केशरी, पूर्व प्रमुख श्रवण यादव, जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अजित कुमार झा, प्रखंड अध्यक्ष हिमांशु सिंह, भाजपा नेता कुणाल सिंह, अरुण सिंह, लोजपा नेत्री चंदा देवी, सचिदानंद मिश्रा, बिनोद कुमार सिंह, दुखन यादव शिवशंकर तांती, अमित कुमार, शिक्षक हिमांशु कुमार, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष रंजीत साव, युवा उधमी सुबोध सिंह काजू सहित दर्जनों लोगों ने विपिन रावत के तस्वीर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

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सोनो में लोगों ने नम आंखों से दी भारत के प्रथम सीडीएस को श्रद्धांजलि

संवाद सूत्र, सोनो (जमुई): तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को दुर्घटना में शहीद देश के जांबाज प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत व देश के वीर सैनिकों की शहादत पर सोनो में शोक की लहर है। गुरुवार को बुद्धिजीवियों ने नम आंखों के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी। शिक्षक कामदेव सिंह ने कहा कि एक महान सैन्य अधिकारी जनरल विपिन रावत का असमय दुनिया को छोड़कर चला जाना बेहद दुखद है। रक्षा के क्षेत्र में जनरल विपिन रावत ने भारत को जो मजबूती प्रदान की है, वह सदा अविस्मरणीय रहेगा। सीडीएस जनरल विपिन रावत ने शौर्य, पराक्रम और साहस के बल पर दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई। विपिन रावत और उनकी पत्नी सहित 13 लोगों की विमान दुर्घटना में मौत देश को झकझोर कर देने वाला है। वे एक जांबाज सैन्य अधिकारी और भारत के चमकते सितारे थे। युवा पंकज कुमार सिंह ने शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि एक सैनिक जब प्रयाण करता है तो वह जाते-जाते राष्ट्र को एक साथ खड़ा कर जाता है। कैप्टन रावत की मृत्यु के बाद शोक में डूबे राष्ट्र को देख कर समझ आता है कि जो राष्ट्र अपने सैनिकों को इस तरह पूजता हो, वह कभी पराजित नहीं हो सकता। मातृभूमि अपने वीर पुत्रों को कभी नहीं भूलती।


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