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नाबालिग के हत्यारे पीड़ित परिवार को केस उठाने की दे रहे धमकी

जमुई। झाझा थाना क्षेत्र के जामुखरैया कांड के आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ग्र

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 06:39 PM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 06:39 PM (IST)
नाबालिग के हत्यारे पीड़ित परिवार को केस उठाने की दे रहे धमकी
नाबालिग के हत्यारे पीड़ित परिवार को केस उठाने की दे रहे धमकी

जमुई। झाझा थाना क्षेत्र के जामुखरैया कांड के आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ग्रामीणों ने गुरुवार को डीएम और एसपी से मिलकर ज्ञापन दिया। बताया जाता है कि आरोपित पीड़ित परिवार को केस उठाने की धमकी दे रहा है तथा पुलिस कैम्प हटने के पश्चात घर में आग लगाकर झूठे मुकदमे में फंसा देने का भय दिखा रहा है। जामुखरैया निवासी शत्रुघ्न सिंह की पत्नी ममता देवी ने बताया कि 26 मई को शौच गई उनकी बेटी निशा के साथ गांव के ही सद्दाम अंसारी एवं दो अन्य लोगों ने दुष्कर्म का प्रयास किया। उसमें विफल होने के बाद मेरी बेटी की हत्या कर दी गई। इस मामले में नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस मुकदमे के बाद से ही सलीम मियां तथा इब्राहिम मियां द्वारा लगातार धमकी दी जा रही है। आवेदकों ने कहा है कि इस हत्याकांड में शामिल लोगों के खिलाफ त्वरित व उचित कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो आरोपितों का मनोबल सातवें आसमान पर चढ़ जाएगा और फिर किसी दूसरी बहू-बेटी को शिकार बनाने की कोशिश करेगा। समाहरणालय पहुंचे ग्रामीणों में बड़ी संख्या में महिलाएं थीं। आवेदन पर हस्ताक्षर करने वालों में ज्योति कुमारी, उषा कुमारी, सुनीता कुमारी, मालती कुमारी, रूपा कुमारी, जानकी कुमारी, शकुंतला कुमारी, अंजू कुमारी, बुधनी देवी, सावित्री देवी सहित अन्य लोगों का नाम शामिल है। बताते चलें कि झाझा थाना क्षेत्र के जामुखरैया में 26 मई को घटित उक्त घटना के बाद से गांव में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। एहतियातन कार्रवाई भी की जा रही है।

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खुले में शौच जाने का बताया दर्द

खुले में शौच जाने का ही शिकार बनी निशा की मां सहित अन्य ग्रामीणों ने शौचालय योजना की हकीकत से भी जिलाधिकारी को रूबरू कराया। बाहर शौच क्यों गई थी और अब तक आप लोगों ने शौचालय क्यों नहीं बनवाया? जिलाधिकारी के पूछे गए यह सवाल पूरा हुए बगैर निशा की मां ममता देवी सहित अन्य ने एक स्वर से कहा कि शौचालय बनाने से पहले ही कर्मी द्वारा दो हजार रुपये की मांग की जाती है। वहां अधिकांश लोग बाहर में मजदूरी कर जीवन गुजर-बसर करते हैं। ऐसे में दो हजार रुपया नाजायज दे पाना संभव नहीं था और वे लोग शौचालय नहीं बनवा पाए।

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