सुविधा शुल्क के हिसाब से तय होता है निबंधन शुल्क
जमुई। निबंधन कार्यालय जमुई में इन दिनों सुविधा शुल्क के हिसाब से जमीन का निबंधन शुल्क तय हो
जमुई। निबंधन कार्यालय जमुई में इन दिनों सुविधा शुल्क के हिसाब से जमीन का निबंधन शुल्क तय हो रहा है। नगर परिषद क्षेत्र में आवासीय भूमि को विकासशील की श्रेणी में निबंधित किया जा रहा है तो विकासशील श्रेणी की जमीन को आवासीय श्रेणी में निबंधित किया जा रहा है। हैरत तो इस बात की है कि निबंधन से पूर्व स्थल निरीक्षण का प्रावधान है जिसका कोरम भी पूरा किया जाता है लेकिन सब कुछ चलता है की तर्ज पर हो रहा है। कार्यालय में बिचौलियों का बोलबाला है। वर्षो पूर्व जिस कातिब का लाइसेंस हाईकोर्ट ने रद कर दिया वह भी कार्यालय के कामकाज में दखल दे रहा है। इसके अलावा भी और कई गड़बड़ियां हैं। इन गड़बड़ियों को लेकर एक कातिब ने सीएम से लेकर डीएम तक को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने की मांग की है।
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कातिब ने मुख्यमंत्री व अन्य को लिखा पत्र
कातिब दिलीप कुमार ने मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित पत्र में एक दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि जमुई निबंधन कार्यालय में राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि दस्तावेज संख्या 3492 मौजा नीमारंग अराजी सवा पांच डिसमील जमीन में खपड़ैल मकान बना हुआ है लेकिन इसे आवासीय की जगह विकासशील की श्रेणी में निबंधित किया गया। उक्त जमीन के खरीदार कविता देवी पति विजय रावत तथा विक्रेता मो. अशरफ अली हैं। इधर, शहर के एक प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. नीरज साह ने 75 डिसमील जमीन खैरमा मौजा में अपनी पत्नी के नाम कराया। वह जमीन पूरी तरह से बहियार में मौजूद है लेकिन नजराना देने से इन्कार करने पर उस जमीन का निबंधन गलत तरीके से आवासीय की श्रेणी में करने के लिए मजबूर किया गया। यह तो बानगी मात्र है। ऐसे और भी कई मामले हैं जहां निबंधन में राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
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स्थल निरीक्षण के उपरांत जमीन की श्रेणी तय होती है और उसके अनुसार निबंधन शुल्क वसूल किया जाता है। नियमानुसार नगर परिषद क्षेत्र में पांच डिसमील जमीन किसी भी इलाके में खरीद-बिक्री होने पर आवासीय शुल्क वसूल किया जाना है।
- शहबाज आलम, अवर निबंधक, निबंधन कार्यालय, जमुई।