Move to Jagran APP

2014 में जहां नहीं पहुंच पाए थे मतदान कर्मी वहां रात में भी डाले गए वोट

जमुई। बीते लोकसभा चुनाव की तुलना में 2019 का लोकसभा चुनाव कई मायने में अहम रहा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 06:25 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 06:25 PM (IST)
2014 में जहां नहीं पहुंच पाए थे मतदान कर्मी वहां रात में भी डाले गए वोट
2014 में जहां नहीं पहुंच पाए थे मतदान कर्मी वहां रात में भी डाले गए वोट

जमुई। बीते लोकसभा चुनाव की तुलना में 2019 का लोकसभा चुनाव कई मायने में अहम रहा। 2014 के चुनाव में जहां नक्सलियों के फरमान के आगे जिला प्रशासन बेबस था, वहीं इस चुनाव में रात के अंधेरे में भी वोट डाले गए। इतना ही नहीं, वोट का प्रतिशत भी बीते चुनावों से 10 प्रतिशत ज्यादा मतदान उन इलाकों में हुआ। बताते चलें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जमुई के 19 मतदान केंद्रों पर मतदान कर्मी नक्सलियों के भय से नहीं पहुंच पाए थे। इसके बाद बिना किसी पूर्व सूचना के मतदान रद करना पड़ा था। तब मतदाताओं ने गहरी नाराजगी भी व्यक्त की थी और तीसरे दिन 12 अप्रैल को मतदान कराया गया था। जिन क्षेत्रों में मतदान रद हुआ था उनमें चकाई विधानसभा क्षेत्र के 11, सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र के 6 तथा झाझा विधानसभा क्षेत्र के दो मतदान केंद्र शामिल थे। चकाई के घुटवे पंचायत अंतर्गत धनवे स्थित मतदान केंद्र संख्या 193 पर ईवीएम में खराबी आ गई और शाम 4 बजे तक मतदान के लिए कतार में 93 मतदाता लगे थे। अंतिम क्षणों में ईवीएम में खराबी आने के कारण प्रखंड मुख्यालय से ईवीएम ले जाया गया और तत्काल रोशनी की व्यवस्था की गई। इसके उपरांत लगभग सात बजे तक वहां मतदान चला और मतदान का प्रतिशत 59.56 दर्ज किया गया। बीते चुनाव की बात करें तो घुटवे पंचायत के बूथ संख्या 170, उतरी धनवे 171, दक्षिणी धनवे 172, घुटवे 172 (क) घुटवे में दिन के 12 बजे तक कोई मतदानकर्मी नहीं पहुंचे थे। इसके अलावा बोंगी पंचायत के बूथ संख्या 134, गगनपुर 135, बिल्ली 136, बोंगी 137, सामुदायिक भवन गरुड़बाद 138, मंझलाडीह घुटवे पंचायत के बूथों पर सुरक्षा कारणों से पुलिस जवानों को प्रशासन ने मतदान केंद्रों पर जाने से रोक दिया था। लिहाजा बूथों पर 11 बजे तक बड़ी संख्या में मतदाता इंतजार करने के बाद प्रशासन को कोसते हुए घर वापस लौटने को विवश हुए थे। वहीं बूथ संख्या 162 एवं 163 राजकीय मध्य विद्यालय ठाढ़ी के दरवाजे पर नक्सली पर्चा एवं छोटे-छोटे चार देसी बम देख मतदान पदाधिकारी बगैर वोट कराए वापस लौट गए थे। बम निरोधक दस्ता के नहीं पहुंचने से इन दो बूथों पर भी मतदान स्थगित कर दिया गया। चकाई के सहायक निर्वाचन पदाधिकारी डीसीएलआर मु. अतहर एवं बीडीओ सुनील कुमार चांद ने बताया कि चकाई में शांतिपूर्ण तरीके से रिकॉर्ड 58.51 फीसद मतदान हुआ जो प्रशासनिक उपलब्धि है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.