मां की हृदय विदारक चित्कार से गमगीन हुआ तरौन
जमुई। तोरा देखकर ही तो जिदा हेलियो रे बेटा अब हम जीकर की करबे। उक्त हृदय विदारक चित्कार मृतक अरुण यादव की मां सचिया देवी की है।
जमुई। तोरा देखकर ही तो जिदा हेलियो रे बेटा अब हम जीकर की करबे। उक्त हृदय विदारक चित्कार मृतक अरुण यादव की मां सचिया देवी की है। जो अपने क्रंदन से पूरा तरौन गांव के लोगों को गमगीन कर दिया है। दो-तीन दशक पूर्व सचिया की शादी चंद्रमंडी थाना क्षेत्र के तरबदिया ग्राम के कुलदेव यादव के साथ संपन्न हुई थी। अरुण जब महज दो वर्ष का था तभी से सचिया अपने मायके तरौन ग्राम में ही रहती है। अरुण का लालन-पालन भी मामा घर में ही हुआ था। सूत्रों की मानें तो कुलदेव के अवैध संबंध परिवार के संदेह में सचिया को थी। जिसके विरोध में सचिया ससुराल छोड़ मायके में रहती थी। इस लेकर कई दफा पंचायत भी हुआ था। बीते 14 मार्च को ही अरुण को यह कह कर गांव बुलाया गया था कि शादी के लिए कुटुम आने वाला है। रविवार की सुबह उसका शव चंद्रमंडी थाना क्षेत्र के बसबुटिया जंगल में एक पेड़ से संदिग्ध अवस्था में लटका हुआ पाए जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी है।। घटना की जानकारी के बाद सचिया के मायके में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।