Move to Jagran APP

सुरक्षित यातायात के लिए विभाग उदासीन, नहीं बनाई गई कोई रणनीति

जमुई। सुरक्षित यातायात के नाम पर विभाग द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। यहां एक भी यातायात नियमों का पालन होता नहीं दिख रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 07:32 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 07:32 PM (IST)
सुरक्षित यातायात के लिए विभाग उदासीन, नहीं बनाई गई कोई रणनीति

जमुई। सुरक्षित यातायात के नाम पर विभाग द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। यहां एक भी यातायात नियमों का पालन होता नहीं दिख रहा है। न ही विभाग द्वारा नियमों का पालन कराने के लिए सख्ती बरती जाती है और न ही लोग यातायात नियमों का पालन करते हैं। नतीजतन हमेशा दुर्घटना में लोग काल के गाल में समा रहे हैं। दुर्घटना कम करने के लिए विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। बता दें कि सुरक्षित यातायात के लिए परिवहन विभाग व पुलिस के पास कोई सुनियोजित तैयारियां नहीं हैं, जिसका खामियाजा यात्री व सड़क पर चलने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है। सड़क सुरक्षा सप्ताह केवल खानापूर्ति बनकर रह गई है। सुरक्षित यात्रा को लेकर संबंधित विभागों के पास कोई विशेष रणनीति नहीं है। जिले के चौक-चौराहों पर न ही ट्रैफिक पुलिस दिखती है और न ही सिग्नल की व्यवस्था की गई है, जबकि साल में सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है लेकिन इन दिनों भी जागरूकता के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। इतना ही नहीं शहर में या अत्यधिक दुर्घटना वाले स्थानों पर न तो कोई सूचना पट है और न ही कोई दिशा निर्देश देने के लिए बोर्ड लगाया गया है। अब तक जिला परिवहन विभाग और न ही जिला प्रशासन ही यातायात सुरक्षा को लेकर कोई तैयारी की है।

loksabha election banner

-----

यातायात दुरुस्त नहीं होने से लगा रहता है जाम

यातायात दुरुस्त नहीं होने के कारण आए दिन लोगों को जाम की समस्या झेलनी पड़ती है। ट्रैफिक पुलिस और सिग्नल नहीं रहने की वजह से लोग नियम के विरुद्ध वाहन चलाकर जाम की समस्या उत्पन्न कर रहे हैं। साथ ही दुर्घटना की भी संभावना बनी रहती है।

-----

सड़क सुरक्षा पर विभाग नहीं दे रहा ध्यान

सड़क सुरक्षा की व्यवस्था को दुरुस्त व कारगर बनाने के लिए प्रशासन सजग नहीं दिख रही है। सुरक्षित यातायात के लिए संसाधनों की कमी दूर करने के लिए कोई प्रबंध नहीं है। यह व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरोसे है और न ही सरकार द्वारा संसाधन उपलब्ध कराया जा रहा है। किसी-किसी चौराहे पर बिहार पुलिस के जवान ट्रैफिक संभालते नजर तो आ जाते हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। पथ निर्माण विभाग द्वारा कहीं-कहीं सड़कों के किनारे संकेत पट लगाए गए हैं, जिससे यातायात को सुरक्षित बनाने में कोई सहूलियत नहीं मिलती है।

-----

जागरुकता का भी है अभाव

जिले में दिन-प्रतिदिन जनसंख्या के साथ-साथ गाड़ियों की संख्या भी बढ़ रही है, लेकिन प्रशासन द्वारा सड़क सुरक्षा के प्रति आम लोगों को जागरूक नहीं किया जा रहा है और न ही सख्ती बरती जाती है। जिस वजह से लोग लापरवाही की तरह बेखौफ नियम का उल्लंघन करते दिखते हैं।

-----

कोट

सुरक्षित यातायात के लिए हमेशा विभाग प्रयासरत रहता है। नई योजना के लिए फिलहाल विभाग द्वारा कोई निर्देश नहीं आया है। ट्रैफिक पुलिस नहीं होने की वजह से बिहार पुलिस चौक-चौराहों पर तैनात रहती है। सुरक्षित यातायात के लिए विभाग द्वारा लोगों को जागरूक भी किया जाता है।

कुमार अनुज, डीटीओ, जमुई


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.