Move to Jagran APP

अप्रशिक्षित चालक हर दिन लील रहे जिदगी

जमुई। वाहनों की बढ़ रही संख्या के बीच अप्रशिक्षित चालकों की लापरवाही के कारण लोग सड़क दुर्घटना के शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 05:44 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 05:44 PM (IST)
अप्रशिक्षित चालक हर दिन लील रहे जिदगी
अप्रशिक्षित चालक हर दिन लील रहे जिदगी

जमुई। वाहनों की बढ़ रही संख्या के बीच अप्रशिक्षित चालकों की लापरवाही के कारण लोग सड़क दुर्घटना के शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं। हर दिन किसी न किसी परिवार की खुशियां छिन जा रही है। दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों के निबंधन में लगातार बढोतरी हो रही है। ऐसे में हर दिन सड़क पर वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है और सड़कें सिकुड़ती जा रही है। इसके अलावा हजारों की संख्या में ऐसे वाहन भी सड़कों पर हैं, जो बिना परमिट व रजिस्ट्रेशन के दौड़ रहे हैं। अक्सर सड़क पार करते समय लोग यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं और दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा ओवरलोड, स्पीड ड्राइव भी सड़क हादसों का मुख्य कारण है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाता है। बावजूद सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है।

loksabha election banner

-----------------

अतिक्रमण और जर्जर वाहन भी हैं हादसों की वजह

वाहनों की तेज रफ्तार और चालकों की लापरवाही के साथ-साथ दुर्घटना के कारणों पर गौर करें तो सड़क पर अतिक्रमण और वाहनों का फिटनेस सबसे बड़ा कारण है। जिस कारण सड़क पर चलने वाले राहगीर से लेकर वाहन पर सवार यात्रियों की जिदगी असमय काल के गाल में समा जाती है। जिससे यह साबित हो रहा है कि शहर की सड़कों पर कुछ गाड़ियां बगैर फिटनेस प्रमाण-पत्र के दौड़ लगा रही है तो कुछ गाड़ी को पुरानी और जर्जर हालत में भी विभाग की ओर से प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। दरअसल, सड़क पर चल रहे वाहनों को फिटनेस देने का काम परिवहन विभाग का है। विभाग के अफसर न तो सड़क पर दौड़ लगा रही गाड़ियों की नियमित रूप से जांच करते हैं और न ही जर्जर पुराने वाहनों को फिटनेस का सर्टिफिकेट देने में सख्ती बरतते हैं।

------------

सड़कों की हालत सुधरी तो रेस ड्राइविग लील रही जिंदगी

सड़कों की स्थिति में सुधार हुआ तो तेज ड्राइविग ने इसके मजे को खराब कर दिया है। हर दिन सड़क हादसों में मारे जाने वालों की बढ़ती तादाद सोचने पर मजबूर करती है कि इसके पीछे मूल वजह क्या है। आम तौर पर हादसों के लिए चिकनी सड़कों को जिम्मेदार बताया जाता है, लेकिन इन सड़कों पर लापरवाही ऐसी कि बस यही कहा जा सकता है कि आफती मरे तो सड़क क्या करे।

-------

स्कूल वाहन से लेकर ट्रैक्टरों के पास नहीं होता फिटनेस प्रमाण पत्र

जिला मुख्यालय के सड़कों पर हजारों वाहन बिना फिटनेस के ही दौड़ रहे हैं, जो अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। इन वाहन चालकों के खिलाफ परिवहन विभाग व पुलिस की कार्रवाई भी चालान और जुर्माने तक ही सीमित है। अधिकारी बिना फिटनेस वाले वाहनों को मार्गों से हटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं, जबकि ऐसे वाहनों को सड़कों पर दौड़ने की इजाजत नहीं देने का अधिकार सरकार ने उन्हें दे रखा है। अधिकारियों की मिलीभगत व अनदेखी के कारण बिना फिटनेस वाले वाहन कई लोगों की जानें लील रहे हैं। खासकर छोटे-छोटे स्कूल वाहन से लेकर ट्रैक्टर मालिक द्वारा न तो फिटनेस जांच कराई जाती है और न ही चालकों का ड्राइविग लाइसेंस बनाना जरूरी समझते हैं।

------------

ब्लैक स्पॉट बना है दुर्घटना का कारण

जिले में कई स्थानों पर सड़कों की भौगोलिक बनावट के कारण दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। बटिया घाटी का चिरेन पुल तो मानो दुर्घटना के लिए ही प्रसिद्ध हो चुका है। यहां हुई दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है। ऐसी ही ब्लैक स्पाट में शामिल है सोनो का पंचपहड़ी, गिद्धौर का महुली मोड़, कटौना का लाइन होटल, जमुई-सिकन्दरा मार्ग का खड़गौर, स्टेशन रोड का सतगामा। ज्यादातर दुर्घटनाएं इन्हीं स्थानों पर होती है।

-----------

कोट

निरंतर सड़क हादसे में हो रहे वृद्धि को देखते हुए परिवहन विभाग की ओर से समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। खास कर बाइक चालकों को हेलमेट पहनने की आदत डालने के लिए सख्ती से अभियान चलाया जा रहा है।

कुमार अनुज, जिला परिवहन पदाधिकारी, जमुई


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.