701 कन्याओं ने निकाली कलश शोभायात्रा
जमुई। देश के महान संतों का जमुई के विठलपुर गांव में रविवार की सुबह समागम देखने को मिला जब हाथी-घोड़े, ढोल-बाजे के साथ 701 कन्याओं ने महारुद्र यज्ञ के लिए कलश यात्रा निकाली।
जमुई। देश के महान संतों का जमुई के विठलपुर गांव में रविवार की सुबह समागम देखने को मिला जब हाथी-घोड़े, ढोल-बाजे के साथ 701 कन्याओं ने महारुद्र यज्ञ के लिए कलश यात्रा निकाली। अयोध्या के संत योगीराज बालक बाबा के सानिध्य में सुबह सबेरे ही विठलपुर और झखुआ के ग्रामीण नर-नारी हजारों की संख्या में किउल नदी के त्रिपुरारी घाट पहुंचे। यहां नदी में पानी नहीं रहने से जेसीबी से खोदकर पानी निकाला गया। विधिवत पूजा अर्चना के बाद कन्याओं ने कलश में जल भरकर यात्रा प्रारंभ की तो पूरा शहर भक्तिमय दिख रहा था। शहर भ्रमण करते हुए यह कलश यात्रा विठलपुर गांव स्थित शिव-पार्वती मंदिर पहुंचा जहां नौ दिवसीय शिव शक्ति महारुद्र यज्ञ प्रारंभ हो गया। इस यज्ञ में अयोध्या के प्रवचनकर्ता संत पारसमणी जी महाराज के अलावा नरोत्तम दास शास्त्री एवं अन्य दर्जनों की संख्या में विद्वान पंडित भाग ले रहे हैं। इस यज्ञ को सफल बनाने में सुरेश ¨सह, रविन्द्र ¨सह, पूर्व वार्ड आयुक्त जगदीश यादव, महेश मिश्रा, नवल किशोर ¨सह, शंभू यादव, रुपेश तांती, पंकज ¨सह, निरंजन मंडल, अशोक कुमार तांती पार्षद, कुनकुन ¨सह, शिवेन्द्र यादव, संजय राजहंस, बंटी ¨सह और प्रमुख जलधर तांती इत्यादि जोर-शोर से लगे हुए हैं। आयोजकों ने बताया कि 22 से 30 अप्रैल तक चलने वाले इस यज्ञ के दौरान विठलपुर के पौराणिक शिवालय में अवस्थित शिव¨लग और पूरे शिव परिवार के मूर्तियों का प्रतिष्ठापन होगा। इस यज्ञ को लेकर आसपास के दर्जनों गांव में उत्सव जैसा माहौल है। इस कारण यज्ञ स्थल के आसपास बड़ा मेला भी लग गया है। जिसमें रास लीला के साथ-साथ बच्चे तथा महिलाएं भी मनोरंजन भी कर सकते हैं। इस यज्ञ में महती भूमिका निभा रहे अयोध्या के संत बालक बाबा ने बताया कि विश्व शांति के लिए आयोजित इस यज्ञ में लगातार नौ दिनों तक अयोध्या के प्रवचनकर्ता द्वारा संगीतमय रामकथा का आयोजन होगा।