प्रसव के लिए सदर अस्पताल आई गर्भवती को आशा ने पहुंचाया निजी क्लिनिक
जमुई। सदर अस्पताल में बिचौलिए सक्रिय होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अब आशा कार्यकर्ता भी पैसों की खातिर जचा-बचा की जान से खिलवाड़ करने लगी है।
जमुई। सदर अस्पताल में बिचौलिए सक्रिय होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अब आशा कार्यकर्ता भी पैसों की खातिर जच्चा-बच्चा की जान से खिलवाड़ करने लगी है। जिसपर गर्भवती को अस्पताल लाकर प्रसव कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है वही प्रसव के लिए सदर अस्पताल आई गर्भवती को निजी क्लिनिक में बेचने लगी है।
ऐसा ही एक मामला सदर अस्पताल में शुक्रवार को सामने आया है। जहां सिकंदरा प्रखंड के महादेव सिमेरिया गांव निवासी मु. जसीम अपनी गर्भवती पत्नी का प्रसव कराने के लिए सदर अस्पताल पहुंचे थे। जहां सरोजनी कुमारी नामक आशा कार्यकर्ता की नजर पड़ गई और यहां सही ढंग से इलाज नहीं होने और चिकित्सक के नहीं रहने की बात कहकर लखीसराय रोड स्थित एक निजी क्लिनिक में भर्ती करा दिया। जहां इलाज के दौरान गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई। फिलहाल प्रसूता की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। स्वजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। वहीं स्वजन द्वारा गर्भवती को निजी क्लिनिक से सदर अस्पताल लाया गया।
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कोट
घटना की जानकारी मुझे हुई है। शुक्रवार को बच्चा जिदा था, लेकिन शनिवार को अल्ट्रासाउंड के बाद पता चला कि बच्चे की मौत हो गई। निजी क्लिनिक में प्रसव नहीं कराया गया था महिला का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।
डॉ. सैयद नौशाद अहमद, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल जमुई