आधा दर्जन आंगनबाड़ी केंद्रों पर है स्थानीय लोगों का कब्जा
जमुई। आंगनबाड़ी अर्थात आंगन आश्रय ब'चों के भूख और कुपोषण से निपटने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के रूप में आंगनबाड़ी केंद्र की नींव रखी गई परन्तु आंगनबाड़ी के इस आश्रय का अतिक्रमण का वानगी बना है सिकन्दरा प्रखंड।
जमुई। आंगनबाड़ी अर्थात आंगन आश्रय बच्चों के भूख और कुपोषण से निपटने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के रूप में आंगनबाड़ी केंद्र की नींव रखी गई परन्तु आंगनबाड़ी के इस आश्रय का अतिक्रमण का वानगी बना है सिकन्दरा प्रखंड। प्रखंड में आधा दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं जहां बनने के बाद से आज तक केंद्र संचालित नहीं हो सका है। सारे केंद्र अतिक्रमण का शिकार है। बताया जाता है कि आज से 6 वर्ष पूर्व ही विभाग द्वारा प्रखंड के विभिन्न गांवों में केंद्र का निर्माण कराया। मकसद था कि आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे सुव्यवस्थित ढंग से पढ़ेंगे लेकिन आज तक केंद्र संचालित नहीं हो सका। मन्जोष पंचायत के मन्जोष उत्तरी टोला मुसहरी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 114 पर बनने के बाद से ही ग्रामीण मनोरथ मांझी कब्जा जमाए हुए हैं। इसे लेकर ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि जब केंद्र अतिक्रमण का शिकार है तो इसकी उपयोगिता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्र पर तैनात सेविका केंद्र चलाती है या नहीं। सेविका कुंदन कुमारी ने इसे लेकर डीएम, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सीडीपीओ के अलावा सिकन्दरा थाना व बीडीओ सिकन्दरा को दे चुकी है परंतु कार्रवाई सिफर रही है। यहां बता दें कि केंद्र संख्या में 114 मन्जोष उत्तरी मुसहरी टोला को छोड़ दें तो आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 111 शिवडीह मुसहरी, केंद्र संख्या 160 बटौआ मुसहरी, केंद्र संख्या 17 अकौनी, जगदीशपुर, मथुरापुर आंगनबाड़ी केंद्र को मिलाकर कुल आधा दर्जन आंगनबाड़ी केंद्र अतिक्रमण का शिकार बना है।
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कोट
जानकारी लेकर अविलंब अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आनंद प्रकाश बीडीओ, सिकन्दरा