पांच दिन बाद नवजात अपहरण मामले की दो सदस्यीय टीम ने की जांच
जमुई। आखिरकार घटना के पांच दिन बाद सिविल सर्जन श्याम मोहन दास के निर्देश पर दो सदस्यीय जांच टीम द्वारा शनिवार को भगौन स्थित आरआर मेमोरियल हॉस्पिटल जाकर नवजात को अगवा किए जाने की घटना की जांच पड़ताल की।
जमुई। आखिरकार घटना के पांच दिन बाद सिविल सर्जन श्याम मोहन दास के निर्देश पर दो सदस्यीय जांच टीम द्वारा शनिवार को भगौन स्थित आरआर मेमोरियल हॉस्पिटल जाकर नवजात को अगवा किए जाने की घटना की जांच पड़ताल की। जांच टीम में शामिल रेफरल अस्पताल प्रभारी डॉक्टर रमेश प्रसाद ने बताया कि जांच के दौरान हॉस्पिटल में डॉक्टर सहित सभी स्टॉफ नदारत थे। ऑपरेशन थियेटर एवं डॉक्टर का चेम्बर बन्द पाया गया। हालांकि हॉस्पिटल खुला था मगर एक भी कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं था। लगभग एक घंटे तक अस्पताल में रही जांच टीम के सदस्य डॉक्टर रमेश प्रसाद ने बताया कि मौके पर एक चौकीदार मौजूद था। जिसको चकाई थानाध्यक्ष द्वारा बीते बुधवार को बच्चा अगवा होने की घटना के बाद नियुक्त किया गया था। इस बारे में दो सदस्यीय जांच टीम में शामिल डॉक्टर रमेश प्रसाद एवं डॉक्टर गायत्री कुमारी द्वारा घटना के बारे में पूछताछ के लिए जब आरोपी डॉ. केडी दास से बात करने की कोशिश की गईं तो मोबाइल का स्वीच ऑफ मिला। मौके पर कुछ मजदूर हॉस्पिटल की रंगाई पुताई का कार्य कर रहे थे उनसे जब डॉ. केडी दास सहित अन्य स्टॉफ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी जानकारी होने से इन्कार किया।इसके उपरांत जांच टीम इस संवेदनशील घटना के बारे में बिना कोई जानकारी प्राप्त किये ही खाली हाथ लौट गई। टीम ने बताया कि रिपोर्ट सिविल सर्जन को भेजी जाएगी। मालूम हो कि बीते मंगलवार को चकाई प्रखंड के हिरनाटाड गांव निवासी मथुरा दास अपनी पत्नी का प्रसव कराने हेतु चकाई के भगोन स्थित आर-आर मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। प्रसव के बाद डॉ. केडी दास द्वारा तीन हजार रुपये फीस की मांग की गई। मगर मथुरा दास के पास पैसा उपलब्ध नही रहने के कारण डॉक्टर केडी दास द्वारा जबरन उसका नवजात बेटा को बंधक के तौर पर अपने पास रख लिया गया था। तब से लेकर आजतक नवजात बच्चे सहित डॉक्टर का कोई अता पता नही हैं।