एक साल से राशन नहीं मिलने की शिकायत लेकर समाहरणालय पहुंचे उपभोक्ता
जमुई। नक्सली मांद में अवस्थित चोरमारा गांव के आदिवासी परिवार पिछले एक साल से राशन और केर
जमुई। नक्सली मांद में अवस्थित चोरमारा गांव के आदिवासी परिवार पिछले एक साल से राशन और केरोसिन से वंचित हैं। इसी शिकायत को लेकर गुरुवार को तीन दर्जन से ज्यादा की संख्या में ग्रामीण समाहरणालय पहुंचकर जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई।
ग्रामीण नरेश कोड़ा, कारू कोड़ा, महती देवी, चूसा देवी सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि बीते वर्ष से ही उन लोगों का डीलर रामलखन कोड़ा सिकंदरा प्रखंड के फुलवरिया गांव में जाकर बस गया। उसके बाद से ही उन लोगों की परेशानी बढ़ गई। बरहट गांव स्थित जन वितरण प्रणाली की दुकान पर आने के बाद उन लोगों को निराश होकर वापस लौटना पड़ता है। बरहट से चोरमारा की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है। जंगल के मध्य में अवस्थित होने के कारण आवागमन की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है, लिहाजा आने और जाने में लोगों को 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। चोरमारा बरहट पंचायत का हिस्सा है। ग्रामीणों ने बताया कि इसके पहले उन लोगों द्वारा बरहट के एमओ से भी शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों द्वारा पुलिस-प्रशासन पर बेवजह तंग और दावा किए जाने की बात कही गई। उन लोगों ने कहा जंगल में ठिकाना होना ही उन लोगों का गुनाह है। इसलिए प्रशासन हम लोगों को बाहर में आशियाना मुहैया करा दे।
इधर, डीलर रामलखन कोड़ा के बारे में बताया जाता है कि वह नक्सलियों के हिट लिस्ट में होने के कारण कई आदिवासी परिवार के साथ गांव छोड़कर पलायन कर गया। फिलहाल, उन लोगों का आशियाना एसएसबी कैंप के साये में सिकंदरा थाना क्षेत्र के फुलवरिया कोड़ासी गांव में है।