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पंच के उम्मीदवार को श्रद्धांजलि में मिली जीत

संवाद सहयोगी जमुई अद्भुत लेकिन हकीकत है। पंच के उम्मीदवार की मौत हो गई तो ग्रामीणों ने श्रद्धांजलि में जीत की माला दे दी। ऐसा कर ग्रामीणों ने एक तीर से दो निशाना साध लिया। पहला तो सोहन मुर्मू के नाम सहानुभूति भेंट कर दी। दूसरा नापसंद प्रत्याशी मूरा हेंब्रम के निर्वाचन का रास्ता रोक दिया। अब वहां फिर से चुनाव होगा और नए सिरे से उम्मीदवारी दी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 06:03 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 06:03 PM (IST)
पंच के उम्मीदवार को श्रद्धांजलि में मिली जीत
पंच के उम्मीदवार को श्रद्धांजलि में मिली जीत

फोटो 27 जमुई 5

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- ग्रामीणों ने कहा आत्मा की शांति के लिए मरणोपरांत दिया वोट

- मृतक सोहन मुर्मू के पंच निर्वाचित होने का मामला

- मुरा हेंब्रम को पंच नहीं बनाना चाहते थे ग्रामीण

संवाद सहयोगी, जमुई : अद्भुत, लेकिन हकीकत है। पंच के उम्मीदवार की मौत हो गई तो ग्रामीणों ने श्रद्धांजलि में जीत की माला दे दी। ऐसा कर ग्रामीणों ने एक तीर से दो निशाना साध लिया। पहला तो सोहन मुर्मू के नाम सहानुभूति भेंट कर दी। दूसरा नापसंद प्रत्याशी मूरा हेंब्रम के निर्वाचन का रास्ता रोक दिया। अब वहां फिर से चुनाव होगा और नए सिरे से उम्मीदवारी दी जाएगी।

मामला खैरा प्रखंड अंतर्गत हरखाड़ पंचायत के वार्ड संख्या दो दीपाकरहर का है। दीपाकरहर पहली बार 1999 में सुर्खियों में आया था। तब लोकसभा चुनाव से वापस लौट रहे मतदान दल को नक्सली संगठन ने जमुई में पहली बार निशाना बनाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।

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आत्मा की शांति के लिए सोहन के पक्ष में किया मतदान

ग्रामीण पूणा रविदास, पूरन राणा, दशरथ मुर्मू, भागीरथ रविदास आदि ने कहा कि पंच के उम्मीदवार सोहन मुर्मू की आत्मा की शांति के लिए उसके पक्ष में उन लोगों ने मतदान किया। साथ ही उसकी मौत के बाद दूसरे उम्मीदवार मूरा मुर्मू को प्रतिनिधि चुनना नहीं चाहते थे। चुनाव भी नहीं स्थगित हुआ। ऐसे में ग्रामीणों के समक्ष दूसरा कोई रास्ता भी नहीं था। यहां बता दें कि सोहन को 148 तथा मूरा हेंब्रम को 126 मत प्राप्त हुए थे।

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मुर्दा के निर्वाचित होने का अनूठा मामला

जमुई के दीपाकरहर वार्ड संख्या दो से पंच के पद पर मृत सोहन मुर्मू के निर्वाचित हो जाने का अनूठा मामला सामने आया है। शुक्रवार को संपन्न मतगणना में मृतक के निर्वाचित होने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई। अब तक मृतक मतदाता द्वारा मतदान की खबरें आती रहती थी, लेकिन मृत व्यक्ति के चुनाव जीतने की संभवत यह पहली घटना है। लिहाजा प्रशासनिक स्तर पर भी इसकी पड़ताल शुरू हुई। आखिरकार प्रशासन ने भी मृतक के निर्वाचित होने की पुष्टि कर दी। अब सोहन का निर्वाचन प्रमाण पत्र रद कर उक्त पद को रिक्त घोषित किया जाएगा, लेकिन बड़ा सवाल अभी अनुत्तरित है कि प्रत्याशी की मौत के बाद भी चुनाव कैसे हो गया।

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कोट

पंच पद के उम्मीदवार सोहन मुर्मू की आठ-दस दिन पूर्व मृत्यु हो जाने की जानकारी उसके निर्वाचित होने के पश्चात प्राप्त हुई है। चुनाव आयोग के नियमानुसार उसका निर्वाचन रद किया जाएगा।

राघवेंद्र त्रिपाठी, प्रखंड निर्वाचन पदाधिकारी, खैरा


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