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अड़सार गांव विकास के पैमानों में खुद को किया है साबित

जमुई। जैसे ही बात किसी गांव की होती है तो जेहन में एक खूबसूरत चित्र उभर जाता है। सड़कें बिजली पुराने सुंदर भवन हरियाली और न जाने ऐसी कितनी ही आकृतियां सामने आती है जो एक गांव के स्वरूप को परिभाषित करती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 05:30 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 05:30 PM (IST)
अड़सार गांव विकास के पैमानों में खुद को किया है साबित
अड़सार गांव विकास के पैमानों में खुद को किया है साबित

जमुई। जैसे ही बात किसी गांव की होती है तो जेहन में एक खूबसूरत चित्र उभर जाता है। सड़कें, बिजली, पुराने सुंदर भवन, हरियाली और न जाने ऐसी कितनी ही आकृतियां सामने आती है, जो एक गांव के स्वरूप को परिभाषित करती है। जब देखते हैं तो वर्तमान समय में गांव की स्थिति इससे अलग नजर आती है। ऐसे में सदर प्रखंड का एक ऐसा भी गांव है, जिसने विकास के सभी पैमानों में खुद को फिट साबित किया है।

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अड़सार गांव न सिर्फ सरकारी बल्कि स्थानीय लोगों के समर्पण के कारण आज सभी पैमानों में खुद को सही साबित कर रहा है। 350 साल पुराना इतिहास समेटे इस गांव में 15 हजार की आबादी निवास करती है। इस गांव में बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा जैसे सारी सुविधाएं मयस्सर है। यहां की एक खास बात यह भी है कि गांव की एक बड़ी आबादी खाड़ी में रहती है। यह गांव कभी पांडवा नामक राजा का गढ़ हुआ करता था। जिसका साक्ष्य यह है कि यह गांव एक टीले पर बसा है। अड़सार पंचायत अंतर्गत आने वाले गांव में लोहरा और अचहरी है। इस पंचायत में कुल बूथों की संख्या 14 है। महिला 4451 व पुरुष 4904 मतदाता के साथ कुल मतदाताओं की संख्या 9355 है। यह पंचायत मुस्लिम बाहुल्य है। मुस्लिम जाति के 75 फीसद लोग हैं।

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गांव की सुंदरता

अड़सार गांव में प्रवेश करते ही तीन बड़े तालाब का संगम है। पंचायत सरकार भवन के सामने लगभग पांच एकड़ में फैला तालाब व ठीक सामने बड़ी मस्जिद गांव की सुंदरता को बढ़ा रहा है। गांव में चारों तरफ सड़कों का जाल है। नाली-गली की बात करें तो एक दो जगह को छोड़कर तकरीबन हर जगह पूर्ण है। इस गांव में कुल छह बड़े तालाब हैं। जिसका रख-रखाव व सुंदरीकरण पर ध्यान दिया जाता तो आमदनी के जरिया के साथ-साथ गांव की सुंदरता भी बढ़ जाती।

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स्कूल तथा कालेज

अड़सार गांव प्रारंभ से ही शिक्षा के क्षेत्र में आगे रहा है। गांव के निहाल साहब डीआइजी पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। यहां की बेटी तबस्सुम महिला सशक्तिकरण को लेकर 2017 में 27 राज्यों की साइकिल यात्रा लगभग 6000 किलोमीटर तय कर चुकी है।

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ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्थल

पंचायत में तीन बड़ी व दो छोटी मस्जिद है। एक बड़ी मस्जिद 150 साल पुरानी है। जहां दूसरे पंचायत से भी मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते हैं। इसी पंचायत से सटे अमरथ मजार पर दूसरे राज्यों से भी लोग उर्स के मेले में पहुंचते हैं।

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पंचायत की विशेषता

पंचायत पांच पंचायतों से घिरा है। अमरथ, चौडीहा, मंजोष, अगहरा, सनथू अड़सार की सीमा से सटा है। यह पंचायत मुख्यालय से मात्र आठ किलोमीटर की दूरी पर है। अड़सार गांव के डा. महमूद हसन, मु शाकिर, मु जमाल, हसन इमाम को अफसोस है कि पंचायत समृद्ध होते हुए भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछड़ा है।


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