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मतदान केंद्रों पर अब नहीं चलेगा बोगस वोटिग का खेल

जमुई। निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान की प्रक्रिया को निष्पक्ष एवं पारदर्शी बनाने के लिए कई दिशा निर्देश जारी किया गया है। मतदान केंद्रों पर बोगस वोटिग पर नियंत्रण के लिए सभी मतदान केंद्रों पर बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से एक-एक मतदाता का सत्यापन करने का निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 05:57 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 05:57 PM (IST)
मतदान केंद्रों पर अब नहीं चलेगा बोगस वोटिग का खेल
मतदान केंद्रों पर अब नहीं चलेगा बोगस वोटिग का खेल

जमुई। निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान की प्रक्रिया को निष्पक्ष एवं पारदर्शी बनाने के लिए कई दिशा निर्देश जारी किया गया है। मतदान केंद्रों पर बोगस वोटिग पर नियंत्रण के लिए सभी मतदान केंद्रों पर बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से एक-एक मतदाता का सत्यापन करने का निर्देश दिया है। 20 सितंबर को राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने जिला पदाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र जारी करते हुए क्रियान्वयन करने का निर्देश दिया है।

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जिले में 24 सितंबर को प्रथम चरण के तहत मतदान होना निर्धारित है। मतदान के दौरान किसी मतदाता द्वारा अपने मूल मतदान केंद्र के अतिरिक्त अन्य किसी मतदान केंद्र पर दोबारा मतदान नहीं कर सके इसे देखते हुए निर्वाचन आयोग द्वारा यह सख्त निर्णय लिया गया है। बिहार पंचायत निर्वाचन नियमावली 2006 के तहत पीठासीन पदाधिकारियों द्वारा प्रमाण पत्र के आधार पर किसी भी मतदाता का पहचान सुनिश्चित करने का प्रावधान है। इसी प्रावधान के तहत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं द्वारा अवैध व बोगस मतदान पर नियंत्रण को लेकर सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं का बायोमेट्रिक विधि से सत्यापन कराने का निर्देश दिया है। बायोमेट्रिक सत्यापन को लेकर सभी मतदान केंद्रों पर एक तकनीकी कर्मी को बायोमेट्रिक मशीन एवं टेबलेट के साथ प्रतिनियुक्त किया जाएगा। तकनीकी कर्मी के द्वारा मतदाताओं के अंगूठे का निशान उनका फोटो, एपिक तथा मतदाता पर्ची का फोटो लेकर उसे बायोमेट्रिक प्रणाली के डेटाबेस में सुरक्षित किया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद कोई भी मतदाता किसी भी मतदान केंद्र पर दोबारा मतदान करने की कोशिश करेगा तो बायोमेट्रिक मशीन में मौजूद डेटाबेस के आधार पर संबंधित मतदाता को पहचान कर लेगा एवं उसे अवैध मतदान के रूप में घोषित करते हुए अलर्ट जारी करेगा। वैकल्पिक पहचान पत्र के रूप में कोई मतदाता आधार कार्ड का प्रयोग करते हैं तो ऐसे मतदाता का सत्यापन आधार संख्या एवं फिगरप्रिट के माध्यम से किया जाएगा। आधार कार्ड के सत्यापन के क्रम में मतदाता का संपूर्ण विवरण मतदान करते समय सुरक्षित हो जाएगी एवं उस मतदाता द्वारा जिले के किसी भी मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान करना संभव नहीं हो सकेगा।


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