12 सूत्री मांगों को लेकर आशा का धरना जारी
जमुई। बिहार राज्य आशा संघ की प्रखंड इकाई ने राज्य संघ के आह्वान पर सोमवार को अपने 12 सूत्री मांगों के समर्थन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में धरना प्रदर्शन किया।
जमुई। बिहार राज्य आशा संघ की प्रखंड इकाई ने राज्य संघ के आह्वान पर सोमवार को अपने 12 सूत्री मांगों के समर्थन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में धरना प्रदर्शन किया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तालाबंदी कर दी तथा ओपीडी सेवापुरी को पूरी तरह ठप कर दिया। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बिहार राज्य आशा संघ के जिला अध्यक्ष सूर्य मोहन रावत ने बताया कि लगभग 10 साल पूर्व निर्धारित प्रोत्साहन राशि पर ही आशा से काम लिया जा रहा है। सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया गया है साथ ही अन्य सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है। 29 जून 2015 को सरकार के साथ मासिक मानदेय भुगतान के लिखित समझौता के बावजूद उसे तीन साल से ज्यादा समय बीत जाने पर भी लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण का दंभ भरने वाली सरकार की आशा के प्रति नीतियां उसकी महिला विरोधी चरित्र को उजागर करती है। मजदूर जब संघर्ष करते हैं तभी उसका उनका अधिकार उन्हें मिलता है। इसलिए हम अपने अधिकार के लिए संगठित होकर आंदोलन कर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा को बाधित कर दिया गया है। जब तक सरकार हमारी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं करती है तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। बिहार राज्य आशा संघ के बैनर तले आशा कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। बता दें कि आशा कार्यकर्ताओं के आंदोलन के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी सेवा को छोड़कर सभी स्वास्थ्य सेवाएं सोमवार को बंद थी। सोमवार को आयोजित होने वाले बंध्याकरण शिविर को भी आशा कार्यकर्ताओं ने बाधित कर दिया था। धरना प्रदर्शन में रीता देवी, मुक्ता देवी, पुष्पा देवी, उमा देवी, बेबी कुमारी, मैमुनिशा, मीरा देवी, सरिता देवी, नगीना खातून सहित बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ता शामिल थी।